यमकेश्वर में ऋतु खंडूरी का मुक़ाबला बीजेपी बनाम बीजेपी

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यमकेश्वर से मैदान में उतरी पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की बेटा ऋतु खंडूरी के लिये चुनाव काफ़ी चुनौती पूर्ण हो गया है। ये चुनौती अन्य उम्मीदवारों से कम और पार्टी के बाग़ी और असंतुष्ट पूर्व नेताओं से ज़्यादा है। बीजेपी के दोनों बाग़ी नेता शैलेंन्द्र सिंह रावत जिन्होंने कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस का दामन थामा और यमकेश्वर से बीजेपी की मौजूदा विधायक विजया बर्थवाल ऋतु खंडूरी के लिये परेशानी का सबब बन सकते हैं। रावत और बर्थवाल दोनों को ही ज़मीन से जुड़ा नेता माना जाता हैं और क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ भी है। ऋतु खंडूरी जो कि एक एनजीओ चलाती हैं चुनावों में अपने पिता की साफ़ छवि को कैश कराने की कोशिश करेंगी। वहीं रावत और बर्थवाल दोनों ही ऋतु को बाहरी और अपने को वंशवाद की राजनीति का शिकार बता कर चुनावी माहौल अपनी तरफ़ करने की कोशिश करेंगे।  लेकिन इस मुक़ाबले को रोचक ये बात बनाती है कि ये तीनों ही उम्मीदवार उसी वोटर बेस को अपनी ओर खींचने का प्रयास करेंगे जो पारंपरिक तौर पर बीजेपी को मानता है।

तकरीबन 83000 वोटरों वाली इस सीट में 230 गाँव आते हैं जिनमें अधिकतर ठाकुर और ब्राह्मण समुदाय हैं। पिछले चुनावों में विजया बर्थवाल ने इस सीट पर तक़रीबन 13842 वोट हासिल किये थे। शैलेंद्र रावत का भी इस सीट पर खास दबदबा रहा है और वो भुवन चंद्र खंडूरी लंबे समय से विरोधी रहे हैं।

ऋतु खंडूरी पिछले कुछ समय से अपना एनजीओ के जरिये इस इलाके में सामाजिक सरोकार से जुड़े कामों में सक्रिय रही हैं। उनका मानना है कि लोग आजकल उस उम्मीदवार को पसंद करते हैं जो उन्हें विकास दे सके। जात औहर बाहरी जैसे मुद्दे बेमानी हो जाते हैं।

कहते हैं इश्क और जंग में सब जायज़ होता है। बीजेपी ने कांग्रेस के सभी बागियों को टिकट के तोहफे से नवाज़ा औऱ प्रदेश प्रभारी मंत्री जे पी नड्डा ने भी साफ कर दिया कि हमने चुनाव जीतना है और इसलिये जीतने वाले उम्मीदवारों को टिकट दिया है।इससे एक बात तो साफ है कि बीजेपी उत्तराखंड में इसी फार्मूले पर काम कर रही है।