शतिर चोर सोने की ज्वैलरी और मोबाईल फोन के साथ गिरफ्तार

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आशा रावत, बैराज कालोनी, ऋषिकेश ने थाना ऋषिकेश पर सूचना अंकित करायी कि अज्ञांत चोर ने घर से सोने व चांदी की ज्वैलरी, चांदी के सिक्के, नकद रूपये व एक सेमसंग मोबाईल फोन चोरी कर लिया गया है,  इस सूचना पर थाना ऋषिकेश पर मु.अ.सं 514/17, धारा 454/380 भादवि पंजीकृत किया गया।

क्षेत्र में चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाये जाने व उपरोक्त घटना का सफल अनावरण के लिये टीम का गठन किया गया। गठित टीम ने पूर्व में प्रकाश में आये चोरों का भौतिक सत्यापन व मुखबिर मामूर किये। पुलिस टीम को सूचना मिली कि एक व्यक्ति चोरी की ज्वैलरी बेचने के लिये पलसर मोटर साईकिल में गोल चक्कर से कैनाल गेट की तरफ जाने वाला है। सूचना पर पुलिस टीम द्वारा गोल चक्कर से पास चैकिंग अभियान चलाया गया।

कुछ समय बाद एक व्यक्ति नीले रंग की पलसर मोटर साईकिल बिना नम्बर में आता दिखाई दिया, जिसे गोल चक्कर आईडीपीएल पर ही रोक लिया गया। पूछताछ करने पर इस व्यक्ति ने अपना नाम विशाल बताया। इसकी तलाशी लेने पर इसके पास से सोने की एक चैन, एक पेन्डेल, दो जोड़ी सोने के कुण्डल, एक जोड़ी सोने के टॉप्स, दो चांदी के सिक्के, एक सेमसंग मोबाईल बरामद हुआ।

विशाल ने बताया कि मैनें बैराज कालोनी स्थित बन्द घर से यह ज्वैलरी, मोबाईल व नगद रूपये चोरी किये थे। चोरी के रूपयों से मैने अपने एक मोटर साईकिल खरीद ली थी तथा शेष रूपये खर्च हो गये। विशाल ने बताया कि मैं आज से 17-18 वर्ष पूर्व चन्द्रभागा ऋषिकेश में ही रहता था। वर्ष 2000-2001 में मैंने ऋषिकेश व देहरादून में कई स्थानों पर चोरी की थी। वर्ष 2001 में ऋषिकेश व डालनवाला पुलिस द्वारा मुझे चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन 2002 को मे मैं सदर हवालात देहरादून से पेशी के दौरान फरार हो गया था। इसके बाद में मुम्बई व फिर दिल्ली में रहने लगा।

2013 में विशाल ने दिल्ली निवासी मदनलाल की चाकू मारकर हत्या कर दी गयी थी, जिस सम्बन्ध में थाना अमन विहार दिल्ली में मु.अ.सं. 128/2013, धारा 302 भादवि पंजीकृत हुआ है। उपरोक्त मुकदमें में मैने अपना नाम विशाल बताया है, जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा मुझे आजीवन कारावास की सजा दी है। दिनांक 18.8.17 को मैं दो माह की पैरोल पर छूट कर आया था, पैरोल के बाद 17.10.17 को विशाल को दिल्ली जेल जाना था।  अभियुक्त राजू उर्फ राजकुमार के फरार होने के सम्बन्ध में मु.अ.सं. 189/02, धारा 223/224 पंजीकृत किया गया, जिसमें इसकी गिरफ्तारी न हो पाने के कारण इसके विरूद्ध मफरूरी में आरोप पत्र प्रेषित किया गया।