ऋषिकेश, वाइट रिवर राफ्टिंग के दीवाने विश्व भर में है, ऋषिकेश की पहचान पूरे विश्व में साहसिक पर्यटन के रूप में रिवर राफ्टिंग से ही होती है जिसके चलते गंगा नदी राफ्टिंग समिति द्वारा शिवपुरी में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन पर्व 2017 का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में राफ्टिंग व्यवसाई ने शिरकत की उत्तराखंड में पर्यटन ही एक ऐसा व्यवसाय है जिसके द्वारा उत्तराखंड वासियों की रोजी रोटी चलती है।
रोजगार के लिए यहां जरूरत है तो पर्यटन के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की इसके लिए राज्य सरकार साहसिक और धार्मिक पर्यटन के लिए कई योजनाएं बना रही है। इसी कड़ी में पर्यटन विकास समिति ने ऋषिकेश शिवपुरी में पर्यटन पर्व 2017 का आगाज किया जिसमें विभिन्न राफ्टिंग कंपनियों ने गंगा में राफ्टिंग प्रतियोगिता का आयोजन कर इस पर्व को धूमधाम से मनाया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने राफ्टिंग व्यवसाइयों का उत्साह वर्धन किया और कहा कि, “ऋषिकेश की पहचान रिवर राफ्टिंग से ही है, गंगा में व्हाइट रिवर राफ्टिंग की शुरुआत 1984 मैं ऋषिकेश के शिवपुरी क्षेत्र से सेना से रिटायर अविनाश कोहली ने शुरू की थी, तब से आज तक रिवर राफ्टिंग ने ऋषिकेश को विश्व के नक्शे पर लाकर खड़ा कर दिया।”
गंगा में 8 वर्ल्ड क्लास रैपिड होने के चलते देशी विदेशी पर्यटक ऋषिकेश का रुख करने लगे। तब से लेकर आज तक रिवर राफ्टिंग इन ऋषिकेश के युवाओं को रोजगार के लिए एक नई राह खोल दी और यहां के पलायन पर रोक लग गई है,पर्यटन पर्व 2017 में राफ्टिंग व्यवसाइयों ने अपने व्यवसाय के लिए सरकार के सामने इंफ्रास्ट्रक्चर की समस्या रखी है।
उत्तराखंड में धार्मिक और साहसिक पर्यटन ही आमदनी का एकमात्र जरिया है ना यहां कोई उद्योग है नाही खेती या अजीविका के अन्य साधन, ऐसे में जरूरत है तो पर्यटन व्यवसाय को प्रोत्साहित करने की। जिसमें सरकार की भूमिका इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए सबसे जरूरी है।