विकासनगर। कुछ वर्ष पूर्व तक पछवादून की शान रहा डाकपत्थर ग्रीन पार्क इन दिनों वीरान पड़ा हुआ है। पार्क की व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार सिंचाई अवस्थापना खंड डाकपत्थर पार्क की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने से बजट की कमी का बहाना बनाकर पल्ला झाड़ रहा है। आलम यह है कि पार्क की स्ट्रीट लाइटें खराब हो चुकी हैं। पार्क का मुख्य आकर्षण रहा बिजली से चलने वाला फव्वारा सूख चुका है। जिसके चलते सुबह शाम घूमने के शौकीन लोग भी पार्क का रुख नहीं कर रहे हैं।
डाकपत्थर में जल विद्युत परियोजना का शिलान्यास होने के साथ ही साठ के दशक में स्थानीय लोगों व परियोजना कर्मचारियों के परिवारों को सैर सपाटा करने व मनोरंजन की सुविधा मुहैया कराने के लिए बैराज पार्क का निर्माण किया गया था। जिसके बाद से ही पार्क स्थानीय बाशिंदों के साथ ही अन्य राज्यों से आने वाले सैलानियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना रहा। लेकिन पिछले दो वर्षों से पार्क का रखरखाव नहीं होने के चलते अब वीरान पड़ा हुआ है। आलम यह है कभी पार्क का मुख्य आकर्षण रहा बिजली से चलने वाला रंग बिरंगी रोशनी से युक्त फव्वारा क्षतिग्रस्त होने के चलते दो वर्षों से सूख पड़ा हुआ है। कभी पछवादून की शान रहा यह पार्क इन दिनों जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते वीरान हो चुका है।
पार्क की स्ट्रीट लाइटें खराब हो चुकी हैं जिससे रात को रंगबिरंगी रोशनी में यमुना की लहरों का दीदार करने वाले अब यहां नहीं आ रहे हैं। जबकि पार्क की अन्य व्यवस्थाएं भी जर्जर होने से सुबह सांय भी पार्क में कोई नहीं जा रहा है। बता दें कि पीपीपी मोड पर चलने पर ग्रीन पार्क की दशा सुधरी थी, लेकिन अनुबंध समाप्त होने पर सिंचाई विभाग ने न तो पार्क को दोबारा से पीपीपी मोड पर दिया और न ही पार्क की दशा सुधारने पर ध्यान दिया। उधर, पार्क की व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार सिंचाई विभाग अवस्थापना खंड डाकपत्थर के अधिशासी अभियंता पीएन राय ने कहा कि बजट के अभाव में पार्क का जीर्णोद्धार करना मुश्किल साबित हो रहा है। लिहाजा पार्क को यूजेवीएनएल का हस्तांतरित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।