वन भूमि के 300 प्रस्ताव तीन साल से कर रहे पूरा होने का इंतजार

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    देहरादून। प्रदेश में सड़क समेत विभिन्न योजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण से जुड़े मामलों में केंद्र के कड़े रुख के बाद अब राज्य सरकार ने फूंक-फूंककर कदम रखने की ठानी है। केंद्र ने पूर्व में तीन सौ से अधिक जिन प्रस्तावों को सीज किया है, उनकी फाइलें फिर से तैयार करने और विभिन्न स्तरों पर लंबित 300 मामलों की गंभीरता से पड़ताल की जाएगी। विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वन भूमि संबंधी प्रस्ताव इस प्रकार तैयार हों, जिससे इनके रद होने की गुंजाइश न के बराबर रहे। नए मुख्य सचिव जल्द ही इसकी समीक्षा बैठक भी करने वाले हैं।

    71 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में सड़क समेत तमाम योजनाओं के निर्माण की राह में वन कानून दिक्कतें खड़ी करते आए हैं। असल में, योजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण के मद्देनजर फॉरेस्ट क्लीयरेंस सहित अन्य औपचारिकताएं अनिवार्य हैं। इनके अभाव में बड़ी संख्या में प्रस्ताव अधर लटके हैं। अप्रैल 2014 से अब तक के परिदृश्य को ही देखें तो अभी भी लगभग 300 मामले लंबित हैं। इसकी वजह विभागों की ओर से आधे-अधूरे प्रस्ताव भेजने के साथ ही संबंधित भूमि की एनपीवी (नेट प्रेजेंट वेल्यू) जमा न किया जाना है। हाल में लंबे समय से चले आ रहे ऐसे 317 पुराने मामले सीज कर दिए थे। इस सबको देखते हुए राज्य सरकार अब सतर्क हुई है। कोशिश ये है कि वन भूमि हस्तांतरण को लेकर किसी भी योजना पर कोई असर न पडऩे पाए। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक आरके महाजन के मुताबिक सभी विभागों से कहा गया है कि प्रस्तावों को पूरी गंभीरता के साथ भेजें।

    317 में जिंदा हैं उम्मीदें
    केंद्र सरकार ने हाल में वन भूमि हस्तांतरण से संबंधित जिन 317 मामलों को सीज किया, वे पूरी तरह खारिज नहीं हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक लंबे समय से चले आ रहे इन मामलों में औपचारिकताएं पूरी नहीं की जा रही थीं। इस हीलाहवाली के कारण इनकी फाइल बंद की गई। हालांकि, राज्य को छूट दी गई है कि वह चाहे तो इस बारे में औपचारिकताएं पूरी कर नई फाइल प्रस्तुत कर सकता है। इसके अलावा अब तक 85 मामले हुए निरस्त हो चुके हैं। राज्य में वर्ष 2014 से अब तक वन भूमि हस्तांतरण से जुड़े 85 मामले केंद्र सरकार ने निरस्त किए हैं। इनमें लगभग 50 लोक निर्माण विभाग से संबंधित हैं, जबकि 35 अन्य विभागों के।

    ऑल वेदर का लंबित नहीं कोई प्रस्ताव
    चारधाम को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड परियोजना में फिलहाल वन भूमि हस्तांतरण का कोई मामला लंबित नहीं है। परियोजना में अब तक 27 प्रस्ताव आए, जिन्हें हरी झंडी दी जा चुकी है। अब संबंधित क्षेत्रों में पेड़ कटान के मद्देनजर वन विभाग की ओर से वन विकास निगम, लोनिवि और राजमार्ग खंड के अधिकारियों से वार्ता की जा चुकी है।