गिरफ्तार लोगो मे एसडीम के साथ 2 तहसीलदार और किसान भी शामिल 

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    रुद्रपुर उधमसिंहनगर जनपद में एनएच 74 घोटाले मामले में एसआईटी ने बड़ी कार्यवाही करते हुए 8 लोगो को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया जिसमें निलंबित पीसीएस अधिकारी भगत सिंह फोनिया समेत पूर्व तहसीलदार समेत काशीपुर जसपुर के कर्मचारी और किसान है।

    कुमाऊ आयुक्त सेंथिल पांडियन द्वारा एनएच 74 घोटाले  की जांच के बाद 300 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की बात सामने आई थी जिस पर अपर जिलाधिकारी प्रताप शाह ने 10 मार्च को थाना पंतनगर में धारा 167/218/219/420/409/466/467/468/471/474/120बी/34 में मुकदमा दर्ज कराया गया था जिस पर शासन ने एसआईटी का गठन कर जांच शुरू की थी जिस पर एसआईटी ने कई उपजिलाधिकारियों ,कर्मचारियो ,किसानों के बयान दर्ज किये जिस पर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने निलंबित एसडीएम भगत सिंह फोनिया पुत्र पान सिंह निवासी देहरादून ,निलंबित संग्रह अमीन अनिल कुमार पुत्र मुनीम सिंह निवासी जसपुर,तत्कालीन प्रभारी तहसीलदार मदन मोहन पडलिया पुत्र कृष्ण पडलिया निवासी हल्द्वानी रिटायर प्रभारी तहसीलदार जसपुर भोले लाल पुत्र मल्लू लाल निवासी किच्छा ,अनुसेवक तहसील जसपुर रामसमुझ पुत्र दूधनाथ निवासी रुद्रपुर,स्टाम्प वेंडर जीशान पुत्र जलाल अहमर्द निवासी काशीपुर,किसान ओम प्रकाश पुत्र चौधरी,निवासी जसपुर ,किसान चरण सिंह निवासी जसपुर को गिरफ्तार किया है जिन्हें भारी पुलिस सुरक्षा में  जिला अस्पताल में मेडिकल करा कर जिला न्यायालय में पेश किया गया पुलिस का कहना है की आरोपियो ने तत्कालीन एसएलएओ डी पी सिंह के साथ मिली भगत कर गलत रिपोर्ट प्रेषित कर कूटरचित दस्तावेजो और नियमो की अनदेखी कर बैक डेट पर 143 ,ZA,और LR एक्ट के कार्यवाही कर आपराधिक षड्यंत्र कर नेशनल हाइवे 74 में आने वाली भूमि की प्रकति बदलकर अवैध धन अर्जित करने के उद्देश्य से करोड़ो रुपए का गलत मुआवजा भुगतान प्राप्त कराया गया जिससे सरकार को करोड़ो रुपए का नुकसान हुआ है पुलिस का कहना है की इस मामले में तत्कालीन एसएलएओ डी पी सिंह फरार है जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है उनका कहना है इस मामले में विवेचना चल रही है तहसील बाजपुर ,गदरपुर,किच्छा ,सितारगंज के संदिध मामलो की भी जांच चल रही है एसआईटी की इस कार्यवाही से मुआवजा लेने वाले किसानों के साथ साथ इससे जुड़े अधिकारियो और कर्मचारियो में हड़कम मचा हुआ है l