आरटीई के तहत प्रदेश में पढ़ रहे लाखों बच्चों का भविष्य अधर में

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(देहरादून), आरटीई के तहत बजट न मिलने से नाराज पब्लिक स्कूल अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है। निजी स्कूलो ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए 31 दिसंबर की डेडलाइन तय करते हुए बजट न मिलने पर नोटिस देने और अगले सत्र से बच्चों को न लेने की चेतावनी दी है। जिससे प्रदेश के करीब 3 हजार से ज्यादा स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ने वाले लाखों बच्चों का भविष्य केन्द्र से बजट न मिलने की वजह से अधर में लटक गया है।
केन्द्र से शिक्षा विभाग को आरटीई के तहत मिलने वाले बजट का भुगतान न होने की वजह से पब्लिक स्कूलों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रिंसीपल प्रोगेसिव स्कूल एसोसिएशन ने सरकार को बजट दिलाने के लिए 31 दिसंबर की डेडलाइन तय की है। जिसके लिए अगले 15 दिनों में सभी स्कूल बैठक भी करेंगे। स्कूलों का कहना है कि पहले भी कई बार केन्द्र की ओर से बजट को रोका गया था। लेकिन जब बार-बार विरोध दर्ज कराया गया तो केन्द्र की ओर से बजट जारी हुआ लेकिन 2015 के बाद से पूरा ही बजट रोक दिया गया।
पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने बताया कि सरकार ने तो नर्सरी के बच्चों से लेकर भी आरटीई के तहत फायदा देने की बात की थी। लेकिन, सरकार पुराने नियमों के तहत भी बजट नहीं दिया। उन्होंने बताया कि अब तक स्कूलों का सरकार पर करोड़ो रूपए का बजट हो चुका है। जिसको वे अब किसी भी सूरत मेंं बरदाश्त नहीं करेंगे।
उन्होंने बताया कि 30 नवम्बर तक वे सरकार को एक बार फिर नोटिस भेजेंगे। इसके बाद 31 दिसम्बर तक पैसा न मिलने की सूरत में वे अगले सेशन से बच्चों को पढ़ाना भी बंद कर देंगे। इसके साथ ही उन्होंने मामले को लेकर कोर्ट तक जाने की भी बात कही है।
बयान
“2 साल से स्कूलों को बजट नहीं मिला है। जिससे स्कूलों की आर्थिक स्थिति भी खराब होने लगी है। हम अगले 15 दिनों में निर्णायक फैसला लेंगें। अगर 31 दिसंबर तक पैसा नहीं मिला तो बच्चों को अगले सेशन में पढ़ाना बंद करने को मजबूर हो जाएंगे।” यह कहना है प्रेम कश्यप, अध्यक्ष, पीपीसीए का।