बच्ची पर खौलता पानी फेंकना अमानवीयः रेखा

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देहरादून। बाल एवं महिला विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने शिशु निकेतन मामले में बाल आयोग की सक्रियता की सराहना की है। उन्होंने कहा कि अगर बाल आयोग रिपोर्ट पर मुख्य सचिव को आदेश नहीं देता तो शायद शिशु निकेतन प्रकरण नजरों में नहीं आता। साथ ही उन्होंने शिशु निकेतन में व्यवस्थाओं को सख्त और जवाबदेही बनाने पर जोर दिया।

शुक्रवार को एक कार्यक्रम से इतर राज्यमंत्री रेखा आर्य ने शिशु निकेतन प्रकरण पर पूछे सवाल पर कहा कि चार वर्ष की छोटी बच्ची पर गरम पानी फेंकना अमानवीय घटना है। साथ ही पीड़ित बच्ची का इलाज न कराना और भी शर्मनाक है। करीब तीन साल से घटना का किसी को पता न लगने पर भी उन्होंने हैरानी जताई। उन्होंने शिशु निकेतन की व्यवस्थाओं में पाई तमाम खामियों को भी गंभीर माना है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने उक्त प्रकरण में बाल आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी के हस्तक्षेप को सराहा। उन्होंने कहा कि अगर आयोग अपर सचिव की रिपोर्ट पर तुरंत संज्ञान नहीं लेता तो शायद मामला दबकर रह जाता।
गौरतलब है कि समाज कल्याण विभाग के तत्कालीन अपर सचिव ने बाल आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी को शिशु निकेतन प्रकरण के संबंध में गोपनीय रिपोर्ट भेजी थी। इस गोपनीय रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए खंडूड़ी ने तुरंत मुख्य सचिव को जांच के आदेश दिए। जिसके बाद मामला उजागर हो पाया था। आयोग के अध्यक्ष की ओर से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को उक्त प्रकरण की भेजी रिपोर्ट में भी इस गोपनीय रिपोर्ट का उल्लेख है। कहा गया कि अपर सचिव ने उक्त जांच रिपोर्ट को सरकार को भी भेजा था। लेकिन संज्ञान नहीं लिया गया। इसके बाद उन्होंने आयोग को गोपनीय रिपोर्ट भेजी थी।