भगवान बदरी विशाल के दर्शनों के लिए उमड़े भक्त,बर्फवारी के बीच कपाट वेद मंत्रों के साथ हुए बंद

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(गोपेश्वर) भारी बर्फवारी के बीच रविवार को भगवान बदरीविशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद होने से पूर्व भगवान की एक झलक देखने के लिए हजारों की संख्या में भक्त उमड पड़े भारत ही नहीं दुनिया के अलग-अलग कोनों से देशी विदेशी भक्त भी बदरीनाथ पहुंचे थे।
भगवान बदरी विशाल की छह माह तक कपाट खुलने की अवधि से लेकर कपाट बंद होने तक मानव भगवान के दर्शन करते है। मान्यता है कि कपाट बंद होने पर देवता भगवान के दर्शन करेंगे और देवऋषि नारद मुख्य पुजारी रावल की भूमिका में रहेंगे। कपाट बंद होने के बाद सोमवार को भगवान के उत्सव विग्रह के रूप में उद्वव जी का विग्रह पांडुकेश्वर लाया जाया जाएगा। छह माह तक योगध्यान बदरी पांडुकेश्वर में भगवान की पूजा होगी। साथ में कुबेर जी भी आयेंगे।
झुमे भक्त, कहा- जय बदरी विशाल
बदरीनाथ के कपाट बंद होने के अवसर पर यूं तो भगवान से विछुडने का विछोह सबमें दिखा। मगर कडाके की ठंड के बाद भी इस विछोह को भगवान की स्तुति गान के रूप में प्रकट किया। भगवान बदरी विशाल के भजनों और उनकी प्रशसा में गीत गाकर लोग झूम रहे थे।
गढ़वाल स्काउट ने बजायी मधूर स्वर लहरी
बदरीनाथ के कपाट बंद होने पर गढवाल स्काउट ने परंपरा के अनुसार बैंड बाजों की स्वर लहरियां विखेरी। जिसे सबने खूब सराहा। मुख्यमंत्री हरीश रावत भी इस छण से अपने आप को रोक न पाये। उन्होंने गढवाल स्काउट के रामढोल पर थाप लगायी।
ये रहे मौजूद
भगवान बदरीनाथ के कपाट बंद होने के अवसर पर पूर्व सीएम हरीश रावत, राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा, बीकेटीसी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, आरएसएस के विभाग प्रमुख अरविंद जी, जिला प्रचारक वृज मोहन, सांसद प्रतिनिधि रधुवीर बिष्ट, जिलाधिकारी आशीष जोशी, पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट, बीकेटीसी के सीओ बीडी सिंह, मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड सहित अनेक लोग मौजूद थे।
अब धाम की सुरक्षा उत्तराखंड पुलिस के हवाले रहे
शीतकाल में कपाट बंद होने पर भगवान के धाम बदरीविशाल की सुरक्षा उत्तराखंड पुलिस के हाथों में होगी। 15 जवानों की तैनाती सुरक्षा व्यवस्था में रहेगी। अलग-अलग पारी पुलिस मंदिर की सुरक्षा दिनरात पूर्व उत्तर और दक्षिण के द्वारों की जायेगी।