विकासनगर। तहसील क्षेत्र अंतर्गत वन गुर्जर बस्ती धौला तप्पड़ के बाशिंदों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार वन गुर्जरों की उपेक्षा कर रही है। मूलभूत सुविधाओं से वंचित वन गुर्जर दुश्वारियों भरा जीवन जी रहे हैं। लेकिन सरकार का कोई भी कारिंदा उनकी सुध नहीं ले रहा है। सरकार की उपेक्षा से नाराज वन गुर्जरों ने अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतर कर आंदोलन करने का निर्णय लिया है।
शनिवार मानवाधिकार एवं आरटीआइ एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद शर्मा के नेतृत्व में वन गुर्जरों की बैठक संपन्न हुई। बैठक में सरकार पर वन गुर्जरों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि राज्य गठन के बाद भी जंगलों में रहने वाले गुर्जर समुदाय की दशा में कोई अंतर नहीं आया। पछवादून के तिमली, धर्मावाला, धौला तप्पड़ बस्ती में गुर्जरों के परिवार पचास वर्ष से अधिक समय से स्थाई निवास कर रहे हैं। लेकिन सरकार इनको मूलभूत सुविधा मुहैया कराने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है। आज भी वन गुर्जरों की बस्ती मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। कहा कि धौला तप्पड़ बस्ती को जाने वाला मार्ग उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन आता है जिसके चलते राज्य गठन के बाद से ही मार्ग का सुधारीकरण नहीं हुआ है। सरकार इस मार्ग के हस्तांतरण के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इसके साथ ही वन गुर्जरों की बस्तियां शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। स्थाई निवास प्रमाण पत्र नहीं होने से सरकारी योजनाओं का लाभ भी वन गुर्जरों को नहीं मिल रहा है। स्थानीय बाशिंदे लियाकत अली ने कहा कि पिछले पचास वर्षों से अपने ही देश में शरणार्थियों जैसा जीवन यापन कर रह रहे हैं। बैठक में वन गुर्जरों ने अपने अधिकार व सुविधाएं लेने के लिए सड़क पर उतर कर आंदोलन करने का निर्णय लिया। इस दौरान नूर मौहम्मद, अब्दुल गफ्फार, यामीन, लियाकत अली, बशीर, अयूब, अकबर, विजय पंडित आदि मौजूद रहे।