विकासनगर/कालसी। भले ही सरकारी विद्यालयों में घटती छात्र संख्या के लिए शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा हो, लेकिन कई शिक्षक ऐसे भी हैं जो इमानदारी से शिक्षण करने के साथ ही नौनिहालों को शिक्षा जारी रखने के लिए समाज के साथ मिलकर आवश्यक संसाधन भी मुहैया करा रहे हैं।
ऐसी ही पहल प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय डांडा के शिक्षकों ने विद्यालय प्रबंधन समिति के साथ मिलकर की है। यहां शिक्षकों व एसएमसी सदस्यों ने खुद के संसाधनों से अध्ययनरत पचास नौनिहालों को फर्नीचर मुहैया कराया है। जिससे सर्दी में जमीन पर बैठने से निजात मिली है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत बजट की कमी के चलते अधिकांश प्राथमिक विद्यालयों में सरकारी सुविधा के नाम पर सिर्फ नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तक व मध्याहन भोजन ही मिल रहा है। वहीं, अधिकांश विद्यालयों में नौनिहालों के लिए फर्नीचर उपलब्ध नहीं है। जिससे नौनिहालों को सर्दियों में भी जमीन पर बैठकर आखर ज्ञान लेना पड़ता है। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अनीता चौहान ने बताया कि विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक में इस मसले को रखा गया था। जिसमें निर्णय लिया गया कि सरकारी बजट की राह देखने के बजाय शिक्षक व एसएमसी सदस्य अपने संसाधनों से फर्नीचर मुहैया कराएंगे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक नौनिहाल को गुणवत्तापरक शिक्षा तभी मुहैया हो सकती है, जब उनके पास शिक्षा ग्रहण करने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हों। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्र-छात्रा को उचित संसाधनों के साथ गुणवत्तापरक शिक्षा मुहैया कराना शिक्षक का नैतिक कर्तव्य है। इस दौरान शिक्षक अनिल तोमर, एसएमसी अध्यक्ष बारू सिंह नेगी, सदस्य राजेंद्र सिंह नेगी, ठेमिया नेगी, सीमा देवी, प्यारो देवी, गोपाल दास, खजान आदि मौजूद रहे।