628 विद्यालयों में लटके रहे ताले, देहरादून में गरजे शिक्षक

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विकासनगर। मंगलवार को जौनसार-बावर परगने सहित पछवादून के सभी प्राथमिक विद्यालयों में ताले लटके रहे। शिक्षकों ने सामूहिक अवकाश लेकर डीएलएड के विरोध में निदेशालय ने धरना प्रदर्शन किया।

शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार की गलती का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। कहा कि शिक्षकों के हितों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सत्रह वर्षों बाद शिक्षकों को अप्रशिक्षित मानना तर्कसंगत नहीं है जबकि कई शिक्षक सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं। शिक्षकों के सामूहिक अवकाश के चलते जौनसार-बावर परगने सहित पछवादून के कुल 628 विद्यालयों में ताले लटके रहे। बताते चलें कि मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा सभी प्राथमिक शिक्षकों के लिए डीएलएड अनिवार्य कर दिया गया है। सूबे में प्रदेश सरकार ने बीएड डिग्री धारक शिक्षकों को छह माह का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण कराया लेकिन मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा मान्यता नहीं लिए जाने से शिक्षकों के छह माह के प्रशिक्षण को केंद्र सरकार ने अमान्य घोषित करते हुए उसे सेवारत प्रशिक्षण करार दिया है। ऐसे में प्रदेश के कई शिक्षकों पर तलवार लटक रही है। प्राथमिक शिक्षक विशिष्ट बीटीसी को मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण की श्रेणी में लाने व उन्हें डीएलएड की अनिवार्यता से वंचित रखने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग के तहत उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ शिक्षा निदेशालय पर धरना प्रदर्शन कर रहा है। मंगलवार को जौनसार-बावर व पछवादून के शिक्षकों ने भी सामूहिक अवकाश लेकर निदेशालय में प्रदर्शन किया जिसके चलते चकराता ब्लाक के 216, कालसी ब्लाक के 194, विकासनगर ब्लाक के 105 व सहसपुर ब्लाक के 113 प्राथमिक विद्यालयों में ताले लटके रहे।