ऋषिकेश एम्स किसी ना किसी बहाने से सुर्खियों में बना रहता है लेकिन इस बार ऋषिकेश का एक एक अलग ही अंदाज में सुर्खियां बटोर रहा है । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश देश का पहला ऐसा मेडिकल संस्थान होगा जिसमें स्टूडेंट्स को मेडिकल शिक्षा के साथ व्यवहारिकता का पाठ पढ़ाया जाएगा इसके लिए सिलेबस में नया सब्जेक्ट भी जोड़ा जाएगा जो अगले सत्र से लागू होगा डिपार्टमेंट ऑफ मेडिकल एजुकेशन को प्रशासन की ओर से मेडिकल सिलेबस में नया शब्द जोड़ने की जिम्मेदारी दी है।
मानव व्यवहार विषय को सिलेबस में शामिल करने के लिए विभाग में कवायद शुरु कर दी है इसमें 2012 से ओपीडी शुरू हुई थी इसके बाद 2014 में पहला बैच शुरू हुआ। मेडिकल की कुल सीटें हैं जिसमें एमबीबीएसMBBS 450 बीएससी नर्सिंग 340 एम डी एम एस मे 150 और पीएचडी में 60 सीटें हैं एम्स प्रशासन के मुताबिक संस्थान का उद्देश्य बेहतर सेवाओं के साथ-साथ स्टूडेंट्स को व्यवहार का पाठ भी पढ़ाया जाना जरूरी है।
इस सब्जेक्ट में स्टूडेंट को पढ़ाया जाएगा कि मरीजों के साथ किस तरीके से व्यवहार करना चाहिए जिससे मरीज और तीमारदार डॉक्टर के साथ असहज महसूस ना करें इस सब्जेक्ट को शामिल करने और पढ़ाने के साथ बाकी सब्जेक्ट की तरह इसकी भी परीक्षा होगी जिस को पास करना हर मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए जरूरी होगा।
एम्स के निदेशक प्रोफेसर डॉ रवि कांत ने बताया कि, “मेडिकल के क्षेत्र में अलग तरह का सब्जेक्ट होगा इसमें मेडिकल स्टूडेंट्स मरीजों की परेशानियों को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे और लोगों का एम्स और डॉक्टर के प्रति विश्वास बढ़ेगा मुख्य का रुप से प्रोफेशनलिज्म जिसमें मरीजों के साथ व्यापारिक संबंधों का पाठ पढ़ाया जाएगा।”