केंद्र सरकार की योजना विजन-2022 का किया निरीक्षण

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हरिद्वार। नीति आयोग द्वारा विजन-2022 हेतु जनपद हरिद्वार के लिए नियुक्त की गई प्रभारी भारत सरकार की ज्वाइन्ट सेक्रेटरी ज्योत्सना सिटलिंग ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में विजन-2022 के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने गत 05 वर्षों में जनपद के विभिन्न विभागों द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों एवं अगले पांच वर्षों के लिए बनाई कार्य योजनाओं का प्रोजेक्टर के माध्यम से निरीक्षण किया।

कार्य योजनाओं के निरीक्षण के दौरान ज्योत्सना ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद के समग्र विकास को दृष्टिगत रखते हुए जनपद स्तर के साथ ही विभागों की ओर भी सब कमेटी का गठन कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि इस पर गहनता से विचार विमर्श कर एक वर्षीय व पांच वर्षीय योजना बनाई जाए, ताकि योजना को नीति आयोग के सम्मुख प्रस्तुुुत किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि जनपद में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, स्वच्छता, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं कृषि कार्यों को अधिक महत्व दिया जाए। योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं से भी नीति आयोग को अवगत कराया जाए। इस दौरान उन्होंने अवगत कराया गया कि भारत सरकार ने विजन-2022 के अन्तर्गत देश के ऐसे 115 जिलों का चयन किया है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से अत्यन्त पिछड़े हैं। इन जनपदों में अमीरी और गरीबी का अंतर बहुत अधिक है। भारत सरकार का उद्देश्य इन जनपदों को 2022 तक समग्र विकास की ओर ले जाना तथा इन जनपदों में बहुत अमीर और बहुत गरीब लोगों के बीच के अन्तर को कम करना है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड के दो जनपदों हरिद्वार एवं उधमसिहंनगर का चयन विजन-2022 के लिए किया गया है। विजन-2022 के तहत उत्तराखण्ड के लिए स्टेट प्रभारी अपर सचिव नियोजन डाॅ. रंजीत सिन्हा को नियुक्त किया गया है। नीति आयोग द्वारा देश में चयनित 115 जिलों के विकास कार्यों का मूल्यांकन किसी तीसरी पार्टी के माध्यम से हर वर्ष कराया जाएगा, ताकि पता चल सके कि कौन-सा जनपद किस क्षेत्र में कितना विकास कर रहा है। बैठक में जिलाधिकारी दीपक रावत ने जनपद की विभिन्न समस्याओं के साथ ही विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं से अवगत कराया।
जिलाधिकारी ने मेनपावर की समस्या को जनपद की प्रमुख समस्या बताया। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अभाव में जनपद में स्वास्थ्य योजनाएं प्रभावित होती हैं। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे कार्ययोजना के साथ ही विभागों से जुड़ी फण्ड, मेन पावर, मशीनरी आदि की डिमाण्ड जो भारत सरकार द्वारा पूरी की जा सकती है से भी नीति आयोग को अवगत कराएं। बैठक में अपर सचिव नियोजन डाॅ. रंजीत सिन्हा, अपर सचिव ग्रामीण विकास वाईके पन्त, सीडीओ स्वाति भदौरिया, पीडी संजीव राय, डीडीओ पुष्पेन्द्र चौहान, सीएमओ अशोक कुमार गैरौला, जिला पंचायत राज अधिकारी रमेश त्रिपाठी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।