ऋषिकेश :- सरकार भले ही शिक्षा की स्थिति को सुधारने के तमाम बातें करती हो लेकिन हकीकत यह है कि आज जिस तरह प्राइवेट स्कूल लगातार अपनी मनमानी करते जा रहे है उसका खामियाजा वहां पढ़ रहे बच्चों के भविष्य और उनके अभिभावकों को उठाना पड़ता है. तीर्थ नगरी ऋषिकेश के मुनि की रेती में स्तिथ एक प्राइवेट स्कूल दवरा एक बच्चे को एडमिशन नहीं दिया गया जिसके बाद अब अभिभावक स्कूल परिसर के गेट में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं।
प्रदेश के प्राइवेट स्कूल कि मनमानी हमेशा से ही अभिभावकों पर भारी पड़ती आई है, ताजा मामला ऋषिकेश के मुनि की रेती क्षेत्र का है जहां पर एक प्राइवेट स्कूल मैं दसवीं में पढ़ने वाले गौतम को कम माक्स आने पर 11वीं में एडमिशन नहीं दिया गया जिस से गुस्साए अभिभावक अब स्कूल परिसर के गेट के बाहर धरने पर बैठ चुके हैं. पीड़ित छात्र के अभिभावक का कहना है कि स्कूल प्रशासन हमेशा से ही एडमिशन को लेकर अपनी मनमानी करता आया है, उन्होंने आरोप लगाया की उनके बच्चे के अंक अच्छे आये है लेकिन समय पर स्कूल द्वारा एडमिशन नहीं दिया गया और अब काफी समय बीतने के बाद भी स्कूल प्रशासन एडमिशन के लिए मना कर रहा है। उनका कहना है कि जब तक बच्चे का एडमिशन नहीं होगा तब तक उनका धरना लगातार चलता रहेगा।
आपको बता दें कि स्कूल के गेट के बाहर धरने पर बैठे पीड़ित पक्ष का कहना है कि प्राइवेट स्कूल की मनमानी हम नहीं सहेंगे तो वही स्कूल के प्रिंसिपल ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उनकी मांने तो एडमिशन में देरी बच्चे के अभिभावकों की वजह से ही हुई है, उन्होंने बताया कि हम ने बच्चे को एडमिशन के लिए मना नहीं किया है, बच्चे के दसवीं में माक्स काम आए थे जिसके बाद उसे आर्ट्स स्ट्रीम में एडमिशन दिया जाना था लेकिन अभिभावक उसका एडमिशन कॉमर्स स्ट्रीम में कराना चाहते हैं जो कि स्कूल रूल के खिलाफ है।प्रदेश में इस तरह के मामले अब आम हो चुके हैं हर जगह प्राइवेट स्कूल्स अपनी मनमानी के उदाहरण देता रहता है जिससे ना सिर्फ प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है बल्कि उनके अभिभावक भी इस मनमानी से हमेशा परेशान रहते हैं. बहरहाल अब देखने लायक बात होगी कि स्कूल प्रशासन के खिलाफ इन अभिभावकों की लड़ाई कब तक चलती है.