मुक्त विवि बना खेवनहार, प्राइवेट छात्रों को दाखिले का मौका

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(देहरादून)। अगर आप किसी कारण से अभी तक स्नातक या परास्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के लिए आवेदन से चूक गए हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय ने ऐसे छात्रों को एक ओर मौका दिया है। विवि ने ग्रीष्मकालीन सत्र में आवेदन नहीं कर पाने वाले छात्रों के लिए शीतकालीन सत्र में आवेदन करने का अवसर प्रदान किया है। छात्र बीए, एमए, बीकॉम व एमकॉम विषयों में दाखिला लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
10 जनवरी तक कर सकते हैं आवेदन
उत्तराखंड में व्यक्तिगत परीक्षा प्राइवेट एग्जामिनेशन प्रणाली की समाप्ति के बाद उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय ने बीए, एमए, बीकॉम व एमकॉम प्रथम वर्ष के ऐसे अभ्यार्थियों जो किन्ही कारणों से ग्रीष्मकालीन सत्र 2017-18 में प्रवेश नहीं ले पए थे। उनके लिए आवेदन करने का अवसर प्रदान किया है। ऐसे छात्र 26 दिसंबर से 10 जनवरी 2018 तक संबंधित पाठ्क्रमों में दाखिला ले सकते हैं। शीतकालीन सत्र में दाखिला लेने वाले छात्रों की परीक्षा जून 2018 में होगी। मुक्त विवि के जनसंपर्क अधिकारी डा. राकेश रयाल ने बताया कि छात्र दाखिले संबंधित सूचनाएं व आवेदन पत्र आदि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित अध्ययन केंद्रों और विश्वविद्यालय वेबसाइड से प्राप्त कर सकेंगे।
प्राइवेट परीक्षा बंद होने के बाद मुक्त विवि को दी थी जिम्मेदारी
दरअसल, भारत में प्राइवेट यानि व्यक्तिगत परीक्षा का कोई विधिक आधार नहीं है। यूजीसी ने भी देश में कानूनी रूप से केवल रेगूलर और डिस्टेंस एजुकेशन को ही वैध माना है। ऐसे में प्रदेश में प्राइवेट मोड में परीक्षा देने वाले हजारों छात्रों के भविष्य पर भी सवाल खड़ा हो गया था। जिसके लिए सीधे तौर पर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को ही जिम्मेदार माना जा रहा था।
प्रदेश में दो विश्वविद्यालय करा रहे थे प्राइवेट परीक्षा
उत्तराखंड में कुमाऊं विश्वविद्यालय और श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय प्राइवेट मोड में यूजी और पीजी कोर्स में डिग्री प्रदान करने का कार्य कर रहे थे। आंकड़ों पर गौर करें तो दोनों विवि में कुल डेढ़ लाख छात्र-छात्राएं प्राइवेट एग्जाम के लिए पंजीकृत थे। आयोग के प्राइवेट परीक्षा को अवैध करार देने के बाद राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पॉल के निर्देशों के बाद इन लाखों छात्रों को सरकार ने उत्तराखंड मुक्त विवि में पंजीकृत करने का निर्णय लिया था। जिसके बाद मुक्त विवि ने दोनों विश्वविद्यालयों के छात्रों को अपने यहां पंजीकृत करा दिया। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय इस साल पहली बार मुक्त विवि ने छात्रों के परीक्षा का आयोजन करने जा रहा है। प्रदेश भर में प्राइवेट विद्यार्थियों को दूरस्त शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के निर्णय का अध्ययन केंद्र संचालक अनिल सिंह तोमर ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से अब प्राइवेट मोड में डिग्री लेने वाले छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होगा। साथ ही उन्हें मुक्त विवि के माध्यम से न सिर्फ डिग्री हासिल होगी बल्कि उन्हें निरंतर अध्ययनरत रहने का भी मौका मिलेगा।