राजभवन में दो दिवसीय ‘बसंतोत्सव’ का आयोजन 24 से

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देहरादून। हर साल की तरह इस बार भी राजभवन में बसंतोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जो 24 व 25 फरवरी को होगा। खास बात यह कि इस बार उत्तराखंड के उच्च स्थानों पर पाये जाने वाले ‘जम्बू’ पुष्प पर स्पेशल पोस्टल कवर, डाक विभाग के सौजन्य से जारी किया जाएंगे।

मंगलवार को राज्यपाल डाॅ कृष्णकांत पॉल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बसंतोत्सव के आयोजन के संबंध में अनेक निर्णय लिए गए। राज्यपाल ने कहा कि बसंतोत्सव के अवसर पर आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में अधिक से अधिक स्कूली बच्चों को प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित किया जाए। पोस्टल कवर के लिए ऐसे पौधे को लिया जाए जो कि उत्तराखंड से जुड़े हों। इस पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद स्पेशल पोस्टर के लिए ‘जम्बू’ पर सहमति व्यक्त की गई। ‘जम्बू’ हिमालय में पाया जाने वाला पौधा है जो कि औषधीय गुणों से भरपूर है। उत्तराखंड के उच्च पर्वतीय भागों में स्थानीय लोगों द्वारा इसका उपयोग औषधि के साथ सब्जी एवं मसालों के रूप में भी किया जाता है। उन्होंने प्रदर्शनी के प्रतिभागियों, आगन्तुकों व आयोजकों के लिए खानपान, पेयजल, अस्थाई शौचालय, प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सा, जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं व अन्य सुविधाएं शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करने के साथ ही स्वच्छता, सुरक्षा और पार्किंग व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

राज्यपाल ने कहा कि बसंतोत्सव के आयोजन का उद्देश्य है कि उत्तराखंड में फ्लोरीकल्चर व ऐरोमेटिक पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाए। फूलों की खेती के माध्यम से किसानों की आय को दोगुनी करके पीएम नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है। उद्यान विभाग केवल बसंतोत्सव तक सीमित न रहे बल्कि इन प्रयासों को लेकर बागवानों, काश्तकारों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस आयोजन को ऐसा स्वरूप देना होगा कि दूरदराज के पुष्पोत्पादन, जड़ी-बूटी तथा अन्य जैविक उत्पादों की व्यावसायिक खेती से जुड़े काश्तकारों, उत्पादकों व ग्राहकों के लिए मंच के रूप में स्थापित हो सके। इन व्यवसायों से जुड़े काश्तकारों को मार्केट भी उपलब्ध करवाने के प्रयास करने होंगे।

आमजन के लिए खुला रहेगा राजभवन: राज्यपाल ने बताया कि पुष्प प्रदर्शनी आम जनता के लिए 24 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम छह बजे तक व 25 फरवरी को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहेगी। इस वर्ष कुल नौ श्रेणियों में 147 पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। 24 फरवरी की शाम संस्कृति विभाग के सौजन्य से लोक-कलाकारों द्वारा राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक प्रस्तुत की जाएगी। आईएचएम व जीएमवीएन के सौजन्य से फूड कोर्ट भी लगाए जाएंगे। आईटीबीपी, आईएमए अपने बैंड के साथ ही अन्य विशिष्ट प्रदर्शनों द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी जाएगी। उत्सव में 34 विभाग व संस्थाएं प्रतिभाग करेंगी। 25 फरवरी को ‘पुष्प प्रदर्शनी’ के अन्तर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को राज्यपाल द्वारा पुरस्कृत करने के साथ ही दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन होगा।

डाक-टिकटों की प्रदर्शनी: इस वर्ष भी व्यावसायिक, निजी पुष्प उत्पादकों सहित विभिन्न सरकारी उद्यानों की पुष्प प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता, पुष्प आधारित रंगोली, विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित होगी। फूलों व प्राकृतिक सौन्दर्य पर आधारित फोटो प्रदर्शनी, पेंटिंग और विशेष डाक-टिकटों की प्रदर्शनी भी लगायी जाएगी। इसके लिए विभिन्न श्रेणियों की कई प्रतियोगिताएं प्रस्तावित हैं, जिनमें कट फ्लावर, पौटेड प्लांट अरेंजमैंट, लूज फ्लावर अरेंजमेंट, हैंगिंग पाॅट्स जैसी सभी प्रतियोगिताओं के साथ-साथ ‘आॅन द स्पाॅट फोटोग्राफी’ भी आयोजित होगी।