त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड बजा चुनावी बिगुल

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नई दिल्ली,   निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में आगामी विधानसभा चुनावों से जुड़े मतदान कार्यक्रम की घोषणा कर दी। मतदान दो चरणों में होगा। पहले चरण के तहत त्रिपुरा में 18 फरवरी को मतदान होगा| दूसरे चरण में नगालैंड एवं मेघालय में 27 फरवरी को मतदान होगा।

दिल्ली में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति ने बताया कि तीनों राज्यों में एक ही दिन 3 मार्च को मतगणना होगी। तीनों राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें हैं। मेघालय में 8.30 लाख, नगालैंड में 11.89 लाख और त्रिपुरा में 25.6 लाख मतदाता हैं।

पहले चरण के लिए त्रिपुरा में 24 जनवरी को अधिसूचना जारी होगी| 31 जनवरी को नामांकन भरने की अंतिम तिथि, एक फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच, 3 फरवरी तक नाम वापसी और 18 फरवरी को मतदान होगा। मेघालय और नगालैंड में 31 जनवरी को अधिसूचना जारी होगी| वहां 7 फरवरी को नामांकन भरने की अंतिम तिथि, 8 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच, 12 फ़रवरी तक नाम वापसी और 27 फरवरी को मतदान होगा। तीनों राज्यों में मतगणना 3 मार्च को एक साथ होगी।

मेघालय में 6 मार्च, नगालैंड में 13 मार्च और त्रिपुरा में 14 मार्च को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। ऐसे में 5 मार्च तक चुनाव कार्यक्रम संपन्न होना चाहिए। मेघालय और नगालैंड में क्रमश: 55 और 59 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए संरक्षित हैं। त्रिपुरा में 10 सीटें अनुसूचित जाति और 20 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।

श्री ज्योति ने बताया कि सभी उम्मीदवारों को अपने फार्म में दिए गए सभी कॉलम भरने होंगे। उम्मीदवार अपने चुनाव के दौरान 20 लाख रुपये तक ही चुनाव कैंपेन के तौर पर खर्च कर सकेंगे। सभी महत्वपूर्ण घटनाक्रमों की वीडियो द्वारा जांच की जाएगी।

पिछले कुछ चुनावों की तरह 7 दिन पहले मतदाताओं को फोटो वोटर स्लिप दी जाएगी। मेघालय में इस बार 24 प्रतिशत मतदान केन्द्रों का इजाफा किया गया है। मेघालय में 3,082, नगालैंड में 2,187 और त्रिपुरा में 3,214 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। गुजरात और हिमाचल में हुए चुनावों की तरह हर सीट में एक मतदान केन्द्र ऐसा होगा जो पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित होगा जिसमें सुरक्षा भी महिला जवानों द्वारा की जाएगी।

मतदान के लिए इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीन होंगी। इसका अर्थ है कि हर मतदाता वोटिंग मशीन में जिस उम्मीदवार को वोट देगा उसकी एक पर्ची वीवीपीएटी मशीन के माध्यम से निकलते हुए वह देख पाएगा। हर सीट पर एक मतदान केन्द्र की वोटिंग मशीनों की गणना को वीवीपीएटी मशीनों की पर्चियों से मेल कर देखा जाएगा।