नैनीझील व कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण को डीपीआर तैयार

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देहरादून। नैनीताल झील के पुनर्जीवीकरण के लिए 18.14 करोड़ रूपये की डीपीआर जिलाधिकारी नैनीताल और अल्मोड़ा की कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण हेतु 17.39 करोड़ रूपये की डीपीआर जिलाधिकारी अल्मोड़ा द्वारा प्रस्तुत की गई। डीपीआर प्रमुख सचिव सिंचाई आनन्द वर्द्धन की अध्यक्षता आयोजित हुई बैठक में प्रषित की गई। प्रमुख सचिव ने विभागाध्यक्ष सिंचाई को धनराशि स्वीकृत करने के लिये एसएनडी में धनराशि का प्राविधान करने के निर्देश दिये गये है।

नैनी झील की डीपीआर में सूखा ताल को पुनर्जीवित करने, नैनी झील से जुडे पुराने ब्रिटिश काल के 67 नालों की मरम्मत कराने, आस-पास के घरों के सीवर लाईन को बरसात के पानी से अलग करने के कार्य को लिया गया है। बैठक में बताया कि अबतक 113 मकानों की सीवर लाईनों को बरसात के नाले से अलग किया जा चुका है। 100 और चिन्ह्ति किये जा चुके है। झील के पुनर्जीवीकरण में शहरी विकास विभाग द्वारा एडीबी के माध्यम से संचालित कार्य शीघ्र पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिये गये।
प्रमुख सचिव ने जानकारी दी गई कि देहरादून की रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए 05 करोड़ की धनराशि का प्राविधान किया गया है। उन्होंने जानकारी दी की नैनी झील, कोसी नदी की डीपीआर शासन की टैक्निकल कमेटी द्वारा परीक्षण के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित वित्त कमेटी की बैठक में स्वीकृत हेतु प्रेषित की जायेगी।
कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए आयोजित बैठक में जिलाधिकारी, अल्मोडा द्वारा उपलब्ध कराये गये 17.39 करोड़ रूपये की डीपीआर पर विचार विमर्श किया गया। उक्त डीपीआर में इन्फिल्ट्रेशन होल्स, ट्रैनच, गदेरे एवं जलस्रोतों पर चैकडैम, सूखे पत्थर के चैकडैम, वाॅयर क्रेड चैकडैम व पक्के चैकडैम बनाने की व्यवस्था है। योजना को 14 जोनो में बांटा गया है। परियोजना का कैचमेंट एरिया 450 वर्ग किमी है। प्रो.जे.एस.रावत के सहयोग से यह प्रोजेक्ट बनाया गया है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रमुख अभियंता सिंचाई डीपीआर के परीक्षण का प्रस्ताव शासन को उपलब्ध करायेंगे। जिस पर टीएसी का परीक्षण कराकर योजना पर व्यय वित्त समिति का अनुमोदन अविलम्ब प्राप्त कर लिया जायेगा। कोसी एवं रिस्पना नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिए 05-05 करोड़ रूपये की नई मांग का प्रस्ताव प्रमुख अभियंता सिंचाई प्राप्त कर भेजेंगे। योजना का 90 प्रतिशत भाग आरक्षित वन क्षेत्र में आने के कारण वन विभाग उक्त परियोजना को अपने वर्किंग प्लान/वार्षिक प्लान में सम्मिलित करके भारत सरकार के अनुमोदन हेतु अविलम्ब प्रेषित करेंगे। योजना हेतु लगभग 05 लाख पौधों की आवश्यकता होगी। जिसके लिये वन विभाग एवं जिलाधिकारी अल्मोड़ा कार्य योजना बनायेंगे, जिसमें आगामी वर्ष में वांछित 05 लाख पौधों की उपलब्धता स्थानीय स्तर पर उपलब्धता कराना सुनिश्चित करेंगे।