राजनीति का दंगल: कैसे हुए सीएम सख्त और चैंम्पियन पस्त

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भाजपा विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन बिना आमंत्रण सीएम से मिलने दून विश्वविद्यालय पहुंचे तो मुख्यमंत्री ने उन्हें न केवल मंच से नीचे उतरने का आदेश दिया, बल्कि ज्ञापन लेने से भी इन्कार कर दिया।

शुक्रवार को दून विश्वविद्यालय के खेल मैदान में ‘आपकी राय, आपका बजट’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मंच पर सिर्फ मुख्यमंत्री के लिए ही कुर्सी थी। अतिथियों और छात्रों के बैठने की व्यवस्था मंच के सामने की गई थी।करीब पौन घंटे बाद 12.45 बजे नीला कोट और काली टोपी लगाए विधायक चैंपियन शामियाने में पहुंचे और सीधे मंच की ओर बढ़े।  यह देख सीएम का पारा चढ़ गया। मुख्यमंत्री हाथ से इशारा कर बोले ‘सामने बैठिए, बैठने जगह उधर है।’ इस पर विधायक पहली पंक्ति में दून विवि के कुलपति चंद्रशेखर नौटियाल की बगल वाली कुर्सी पर बैठ गए।

कार्यक्रम समाप्त होने पर विधायक चैंपियन एक बार फिर हाथ में ज्ञापन लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास पहुंचे। इस बार तल्ख तेवर में मुख्यमंत्री बोले ‘यह ज्ञापन देने की जगह नहीं है।’ इस चैंपियन ने कहा कि ‘सर बात तो सुन लीजिए’। सीएम ने फिर कहा कि ‘यह बात सुनने की भी जगह नहीं है।’

वहीं भाजपा को बगावती तेवर दिखा रहे चैंपियन के तेवर दिल्ली से वापस लौटने के बाद बदले नजर आ रहे हैं। कुंवर को सीएम त्रिवेंद्र बड़े भाई और धन सिंह रावत छोटे भाई लगने लगे हैं। 13 फरवरी को बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करने के बाद कुंवर प्रणव के तेवर नरम पड़ गए हैं। इसे अब अमित शाह की नसीहत कहें या पार्टी द्वारा अनुशानहीनता पर कार्रवाई करने की बात का असर, जो भी हो लेकिन किसी भी हालत में पीछे न हटने वाले चैंपियन अब बैकफुट पर आ गए हैं। बता दें कि लगातार भाजपा की सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते हुए चैंपियन खुद की ही पार्टी पर सवाल खड़े कर रहे थे। उन्होंने यहां तक कह डाला था कि कि जीरो टॉलरेंस सरकार का दोहरा मापदंड है। अपने बयानों से पार्टी को लगातार असहज कर रहे चैंपियन के तीखे तेवर अब फीके पड़ गए हैं।


दरअसल, चैंपियन मंत्री पद न मिलने की वजह से काफी समय से नाराज चल रहे थे, इसके बाद उनकी बातों को भी पार्टी में तवज्जो नहीं दी गई जिससे कुंवर और आहत हो गए। इसके बाद कुंवर ने हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्ष के अधिकार सीज करने की बात को मुद्दा बनाते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। गौरतलब है कि हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्ष के अधिकार सीज करने के बाद सरकार ने पंचायत संचालन के लिए त्रिस्तरीय समिति का गठन किया, जिसमें चैंपियन की पत्नी रानी देवयानी सिंह, अम्मी लाल और मोहम्मद सत्तार को सदस्य बनाया गया। समिति के सदस्य में सत्तार को शामिल करने से कुंवर और खफा हो गए। क्योंकि सत्तार पूर्व विधायक मोहम्मद शाहजाद के छोटे भाई होने के साथ ही कैबिनेट मंत्री और हरिद्वार विधायक मदन कौशिक बहुत करीबी माने जाते हैं।