घाटे में चल रही चीनी मिलों को उबारने को तैयार होगा रोडमैप

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देहरादून। प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा। गन्ना विकास मंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए।

सोमवार को प्रदेश के संसदीय कार्य, विधायी, भाषा, वित्त, आबकारी, पेयजल एवं स्वच्छता, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री प्रकाश पन्त ने विधान सभा सभाकक्ष में गन्ना विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि डोईवाला 52 करोड़, नादेही 36 करोड़, किच्छा 54 करोड़ एवं बाजपुर 50 करोड़ घाटे में चलने वाले चीनी मिल को उबारने के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा एवं ढांचागत सुधार किया जाएगा। चीनी मिलों के सुधारात्मक उपाय के लिए आधुनिकी करण भी किया जाएगा। बैठक में सितारगंज, किच्छा, नादेही एवं डोईवाला चीनी मिल में सिरे के उत्पादन को बेचने के लिए टेंडर के लिए दो तिथियां माह के 7 एवं 21 तारीख निर्धारित की। इस सम्बन्ध में कहा गया कि इस व्यवस्था के अन्तर्गत लेबी के अनुसार चीनी की उठान होगी। चीनी मिलों के आधुनिकी करण के सन्दर्भ में बाजपुर और नादेही चीनी मिल का आधुनिकी करण और ऊर्जा का उत्पादन यूजीवीएनएल के माध्यम से होगा। इसके अतिरिक्त एनसीडीसी के माध्यम से किच्छा और डोईवाला चीनी मिल का आधुनिकी करण किया जाएगा। चीनी मिलों के स्टेबलिसमेंट, अनावर्तक व्यय कम करने के लिए सितारगंज चीनी मिल के ऐसे कार्मिक जो 50 वर्ष के हो चुके हैं और वीआरएस लेना चाहते हैं, वीआरएस योजना लाई जाएगी। यह प्रस्ताव सचिव स्तर की समिति के बाद मंत्रिमंण्डल में लाया जाएगा। बैठक में रिकवरी दर को बढ़ाने पर जोर दिया गया। बैठक में सचिव डी. सेंथिल पांडियन, अपर सचिव प्रदीप सिंह रावत, महाप्रबन्धक एके भट्टाचार्य, अधिशासी अधिकारी किच्छा दिप्ती सिंह, जीएम बाजपुर केके मिश्रा, अधिशासी निदेशक डोईवाला मनमोहन सिंह इत्यादि मौजूद थे।