नदियों में जलस्तर कम होने से बिजली उत्पादन में भारी गिरावट

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उत्तराखण्ड के बर्फीले पहाड़ों और बरसाती पानी की नदियों में जलस्तर कम होने से बिजली उत्पादन में भारी गिरावट आई है। बिजली उत्पादन केंद्रों से गुजरती नदियों में कम पानी के कारण जल विद्युत परियोजनायों में बिजली उत्पादन काफी घट गया है।बिजली उत्पादन घटने से राज्य सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा है।

उत्तराखंड एक हिमालयी राज्य है और यहाँ से गंगा समेत कई बड़ी नदियों का उदगम भी होता है। इस राज्य में बहने वाली नदियों में जाड़ों में पहाड़ो में होनेवाली बर्फवारी के कारण पानी काफी कम हो जाता है । जिस कारण जाड़ो में नदियों के गिरते जलस्तर के कारण जल विद्युत परियोजनायों में बिजली उत्पादन स्तर गिर जाता है । वहीँ इस समय सिचाई के लिए भी नहरों में पानी की आवश्कता होती है। खटीमा में बने ब्रिटिश काल के जल विद्युत परियोजना लोहियाहेड पॉवर हॉउस में इन दिनों बिजली उत्पादन गिरकर एक तिहाई रह गया है । जिसके चलते राज्य सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। मानक से काफी कम पानी मिलने से उत्तराखण्ड सरकार के उपक्रम लोहियाहेड पॉवर हॉउस में तीन में से सिर्फ एक युनिट में बिजली उत्पादन हो रहा है। जिसके कारण इन दिनों नेपाल से लगे इस सीमान्त क्षेत्र में बिजली कटौती भी बढ़ गई है। वहीँ शारदा विधुत उत्पादन ग्रह के अधिशासी अभियंता ए.के.चौरसिया के अनुसार शारदा नहर में जलस्तर काफी कम होने की वजह से पॉवरहॉउस में मात्र 11 मेगावाट विधुत उत्पादन हो रहा है। जिस कारण प्रतिदिन 45 मेगावाट से अधिक विधुत उत्पादन करने वाले इस पॉवर हॉउस में बिजली उत्पादन कम हो गया है।