स्पीकआउट अब बोलों दिल खोल के

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देहरादून के ग्राफिक एरा यूनिर्वसिटी में ”स्पीकआउट दि अनटोल्ड स्टोरी” के संयोजक ज़िया कुरैशी ने एक वर्कशाप का आयोजन किया। स्पीकआउट सोशल मीडिया का एक पेज है जो हर किसी के लिए एक प्लेटफार्म की तरह सामने आया है।अगर आपके अंदर भी कुछ लिखने की चाह है तो आप इस पेज पर अपनी लघु कहानियां,अपनी कविता,अपने विचार को मैसेज कर सकते हैं और स्पीकआउट आपके नाम के साथ आपके काम को अपने पेज पर पब्लिश करता है।

आजकल सभी के मन में कुछ विचार है जो वह हर किसी के सामने नहीं बोल सकता,इस लिहाज से यह सोशल मीडिया प्लेटर्फाम आपके लिए, या आपके जानने वाले जिन्हें लिखने का शौक है उनके लिए एक बेहतरीन माध्यम है। जिया कुरैशी वैसे तो एक आई टी कंपनी में काम करते हैं,लेकिन लिखना उन्हें हमेशा से पसंद रहा और शुरु में अपने मन की बात कहने में वह हमेशा हिचकते थे और इसी हिचक ने उन्हें स्पीकआउट पेज शुरु करने के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया।आज सोशल मीडिया साईट पर स्पीकआउट के साथ काफी लोग जुड़ चुके हैं और अपने मन की बात कह रहे हैं।वर्कशाप में जिया ने छात्र और छात्राओं को लिखने के गुण सिखाए और लिखने के अलग अलग तरीकों पर बात की। वर्कशाप में ज़िया ने लिखने के तीन मुख्य बिंदुओं आबर्जवेशन, रिलेटीबिलीटी और आबर्जवेशन-रिलेजीबिलीटी के बारे में छात्रों को अवगत कराया।

वैसे तो ज़िया बैंगलोर में रहते है लेकिन उनका पैतृक स्थान नैनीतील है और उन्होंने अपनी पढ़ाई देहरादून से की है।देहरादून से जुड़ाव होने की वजह से जिया ने अपनी वर्कशाप देहरादून में करने का निर्णय लिया।ज़िया बताते हैं कि स्पीकआउट के माध्यम से वह ज्यादा से ज्यादा लोगों के अंदर से लिखने के डर को निकालना चाहते हैं।