उत्तराखण्ड के तीन विधानसभा में भाजपा-कांग्रेस के बने सात सीएम

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उत्तराखण्ड राज्य गठन होने से लेकर अब तक राज्य के तीन विधानसभाओं में भाजपा-कांग्रेस के कुल सात मुख्यमंत्री प्रदेश की बागडोर संभाल चुके हैं।वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश पर्वतीय जिलों को अलग करके उत्तराखण्ड राज्य बनाया गया था। अब तक इस राज्य में कुल सात मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जिनमे से चार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शेष तीन कांग्रेस पार्टी से हैं। जबकि इनमें से एन.डी. तिवारी को छोड़ दिया जाए तो कोई भी मुख्यमंत्री पांच साल तक राज्य में शासन नहीं कर पाया।
उत्तराखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में यूपी में विधान परिषद रहे डॉ. नित्यानंद स्वामी नौ नवम्बर, 2000 से 29 अक्टूबर, 2001 तक यानी कुल 354 दिन तक राज्य के सीएम रहे।
भगत सिंह कोश्यारी विधान परिषद सदस्य 30 अक्टूबर 2001 से 1 मार्च 2002 यानी कुल 123 दिन मुख्यमंत्री का पद संभाले।
प्रथम विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की जीत पर कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी दो मार्च, 2002 से लेकर सात मार्च, 2007 तक यानी 1832 दिन मुख्यमंत्री रहे।
दूसरी विधानसभा चुनाव में भाजपा के भुवन चन्द्र खण्डूरी आठ मार्च, 2007 से लेकर 23 जून, 2009 यानी कुल 839 दिन मुख्यमंत्री के पद पर आसन्न रहे। फिर उनके बाद थलीसैंण से भाजपा विधायक रमेश पोखरियाल निशंक ने 24 जून 2009 से लेकर 10 सितम्बर 2011 तक कुल 808 दिन मुख्यमंत्री का पद संभाला। निशंक के बाद बीसी खण्डूड़ी दोबारा 11 सितम्बर, 2011 से 13 मार्च, 2012 यानी 185 दिन कुल मिलाकर 1024 दिन मुख्यमंत्री रहे।
तीसरी विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की ओर विजय बहुगुणा 13 मार्च 2012 को मुख्यमंत्री की कमान संभाले और उसके बाद सांसदी छोड़ सितारंगज से विधायक बने और 31 जनवरी 2014 तक कुल 690 दिन तक मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता पर काबिज रहे।
बहुगुणा के बाद केन्द्रीय मंत्री रहे हरीश रावत एक फ़रवरी 2014 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 1113 दिन मुख्यमंत्री के पद पर रहे। राज्य में चौथी विधानसभा का 69 सीटों पर चुनाव हो गया है, जबकि एक सीट पर नौ मार्च को चुनाव होना है। इसके बाद 11 मार्च को सभी 70 सीटों पर एक साथ मतगणना होगी।