काशी की तर्ज पर उत्तरकाशी में होगी गंगा आरती, चैनलों पर होगा सीधा प्रसारण

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काशी की तर्ज पर अब उत्तरकाशी में भी गंगा आरती होगी और इसका सीधा प्रसारण भी टेलीविजन चैनलों पर किया जाएगा। जी हां यह पहल गंगा सफाई अभियान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला प्रशासन करने जा रहा है।

जिला प्रशासन के अनुसार गंगोत्री से गंगा आरती लोगों को अब टीवी पर दिखने लगेगी।
अगर सीधे प्रसारण की व्यवस्था गंगोत्री में नहीं हुई तो डी-लाइन (दूसरे आरती प्रसारण) कराया जाएगा। जिले के जिलाधिकारी ने इस बारे में बताते हुए कहा कि गंगा की स्वच्छता व निर्मलता के लिए शुरू की जा रही आरती के लिए जल्द ही चैनल का चयन भी किया जाएगा। उन्होंने गंगोत्री मंदिर समिति से कहा कि जो आरती 15 मिनट की होती हैं, उस आरती में भजन व अन्य गंगा स्तुति शामिल कर करीब 45 मिनट का करें।
जिला सभागार में गंगोत्री मंदिर समिति, यमुनोत्री मंदिर समिति, होटल एसोसिएशन तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बैठक ली। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि गंगोत्री मंदिर समिति अपने स्तर से भी गंगा आरती का प्रसारण करने वाले चैनल से बातचीत कर सकती है साथ ही गंगोत्री व यमुनोत्री मंदिर समिति अपनी वेबसाइट भी तैयार करें। अगर तैयार करने में कोई परेशानी है तो जिला प्रशासन वेबसाइट को अच्छा बनाने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि इस वेबसाइट के माध्यम से श्रद्धालु धामों में पूजा करने की एडवांस बुकिंग करा सकेंगे तथा ऑनलाइन के जरिए भी कर सकेंगे। गंगोत्री मंदिर समिति की मांग पर जिलाधिकारी ने कहा कि गंगोत्री मंदिर के परिसर को वाईफाई से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने सभी मोबाइल व इंटरनेट की सेवा देने वाली कंपनियों के साथ बैठक करने की बात कही।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में पॉलीथिन पर प्रसाद नहीं दिया जाएगा। इस पर रोक लगाने के लिए जिलाधिकारी ने गंगोत्री व यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव को निर्देश जारी किए। पॉलीथिन के स्थान पर गत्ते का बॉक्स व स्थानीय रंगाल से बनी टोकरियों में प्रसाद देने का सुझाव दिया। प्रसाद में भी स्थानीय उत्पादों को शामिल करने को कहा।
इसके साथ ही उन्होंने यमुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़ा, खच्चर, डंडी-कंडी की व्यवस्था को संचालित करने के लिए प्रीपेड व्यवस्था लागू करने के निर्देश जिला पंचायत के मुख्य अधिकारी को दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि वैष्णोदेवी में जिस तरह से घोड़े-खच्चर व अन्य व्यवस्थाएं हैं उसी तर्ज को अपनाएं। जिससे घोड़ा, खच्चर, डंडी-कंडी संचालक यात्रियों से अधिक पैसा न वसूल सके तथा मनमानी न कर सके।
बैठक में पुलिस अधीक्षक ददनपाल, एडीएम पीएल शाह, नितिका खंडेलवाल, पीएस पंवार, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल, शैलेन्द्र मटूड़ा, दीपेन्द्र पंवार आदि मौजूद थे।