मौसम की मार से परेशान देवभूमि

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उत्तराखंड में मौसम की दुश्वारियां भारी पड़ रही हैं। चमोली जिले के कनोल गांव में बर्फीले तूफान में 95 बकरियों के दबने की सूचना मिली है। इनमें से 60 की मौत हो गई है जबकि शेष लापता हैं।

यही नहीं, दशोली विकासखंड के कोंज गांव में मकान ढहने से मलबे की चपेट में आकर महिला घायल हो गई, जबकि कुमाऊं मंडल के मदकोट क्षेत्र में आकाशीय बिजली से महिला गंभीर रूप से झुलस गई। दूसरी ओर, बर्फबारी के चलते बंद यमुनोत्री व गंगोत्री राजमार्ग छठवें दिन भी नहीं खुल पाए। उधर, मौसम विभाग की मानें तो अभी दो दिन और सूबे में मौसम शुष्क रहेगा।
बताते चलें कि उत्तराखंड में बीते मंगलवार से मौसम का मिजाज बिगड़ा और इसी के साथ शुरू हो गया बारिश व बर्फबारी का सिलसिला। रविवार को गढ़वाल मंडल में बदरा शांत रहे, लेकिन कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी जारी रही।
वहीं, चमोली जिले के घाट ब्लाक के कनोल गांव क्षेत्र में बर्फीला तूफान भी चला। तब कनोल के तोक गठियाणा में चरने गई बकरियां बर्फ में दब गई। बकरियां चरा रहे कनोल गांव के पुष्कर सिंह, गबर सिंह व नारायण सिंह ने जैसे-तैसे जान बचाई। देर रात तक बर्फबारी व बारिश जारी रहने पर सुबह ग्रामीणों ने बकरियों की खोज की। इनमें से 60 मृत मिलीं, जबकि 35 लापता हैं। घटना के संबंध में तहसील प्रशासन को सूचना दे दी गई है।
इसी तरह चमोली में ही विकासखंड दशोली के कोंज गांव में बारिश-बर्फबारी के दौरान बीना देवी का मकान ढह गया। जिला पंचायत सदस्य भागीरथी कुंजवाल के मुताबिक मलबे की चपेट में आकर घायल हुई बीना का जिला चिकित्सालय में उपचार कराया गया। कुमाऊं के मदकोट क्षेत्र के इमला गांव की मोहिनी देवी तब आकाशीय बिजली की चपेट में आकर झुलस गईं, जब वह गांव के नजदीक मवेशियों को चराने गई थीं।