उत्तराखंड की विधानसभा चुनाव में जीतकर आए 51 करोड़पति विधानसभा में बैठेंगे। इसमें 40 बीजेपी, 10 कांग्रेज़ और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
चौबट्टाखाल के विधायक सतपाल महाराज उत्तराखंड विधानसभा के सबसे अमीर विधायक है। उनकी कुल सम्पति 80 करोड़ से अधिक की है। जबकि सबसे कम संपति वाले विधायक नानकमत्ता के प्रेम सिंह है और उनकी सम्पति कुल 17 लाख रुपये की है।
ऐ.डी.आर. की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार विधायक सतपाल महाराज ने अपनी सम्पति सबसे अधिक 80 करोड़ दिखाई है। सम्पति के मामले में दूसरे स्थान पर कार्यवाहक मुख्यमंत्री हरीश रावत को किच्छा से हराने वाले विधायक राजेश शुक्ला हैं और उनकी सम्पति 26 करोड़ है। जबकि तीसरा स्थान कांग्रेस के विधायक काजी निजामुद्दीन का है और उनकी कुल सम्पति 21.30 करोड़ दर्शाई है।
बीजेपी विधायक:
- सतपाल महाराज-80 करोड़
- हरक सिंह रावत 2.68 करोड़
- बंशीधर भगत 1.34 करोड़
- भरत चौधरी 1.93 करोड़Cr
- दिलीप रावत 1.61 करोड़
- देशराज कर्णवाल 1.25 करोड़
- दीवान सिंह बिष्ट 1.67 करोड़
- गणेश जोशी 3.27 करोड़
- गोपाल सिंह रावत 1 करोड़
- हरभजन सिंह चीमा 5.52 करोड़
- कैलाश चंद्र 5.52 करोड़
- केदार सिंह 4.74 करोड़
- खजान दास 1.35 करोड़
- कुंवर प्रणव चैंपियन 1.87 करोड़
- मगन लाल शाह 1.60 करोड़
- मुन्ना सिंह चौहान 2.43 करोड़
- नवीन चन्द्र दुम्का 1.28 करोड़
- प्रदीप बत्रा 3.80 करोड़
- प्रकाश पंत 1.28 करोड़
- प्रेमचंद अग्रवाल 3.24 करोड़
- रघुनाथ चौहान 1.53 करोड़
- राजेश शुक्ला 25.97 करोड़
- रेखा आर्य 12.78 करोड़
- ऋतू खंडूरी 3.38 करोड़
- सहदेव पुंडीर 1.90 करोड़
- संजय गुप्ता 2.86 करोड़
- संजीव आर्य 4.25 करोड़
- सौरभ बहुगुणा 6.80 करोड़
- हरबंस कपूर 1.21 करोड़
- सुबोध उनियाल 1.67 करोड़
- सुरेंद्र सिंह 2.19 करोड़
- सुरेन्द्र सिंगज जीना 10.52 करोड़
- सुरेश राठौर 2.76 करोड़
- त्रिवेंद्र सिंह नेगी 1.57 करोड़
- उमेश शर्मा काऊ 3.7 करोड़
- विजय सिंह पंवार 2.83 करोड़
- विनोद चमोली 1.26 करोड़
- यशपाल आर्य 5.50 करोड़
निर्दलीय:
- प्रीतम सिंह पंवार 2.17 करोड़
कांग्रेस:
- प्रीतम सिंह 8.10 करोड़
- काजी निजामुद्दीन 21.30 करोड़
- ममता राकेश 3.58 करोड़
- करन मेहरा 1.42 करोड़
- फुरकान अहमद 2.51 करोड़
- गोविन्द सिंह कुंजवाल 1.82 करोड़
- हरीश धामी 3.60 करोड़
- राजकुमार 2.39 करोड़
- इंदिरा हरदेश 4.18 करोड़
- आदेश सिंह 2 करोड़
2012 और 2017 में दाखिल किए गए शपथ पत्रों पर गौर करें तो दोबारा चुनाव मैदान में उतरे 32 विधायको में से 28 की सम्पत्ति में वृद्धि हुई है, जबकि चार की सम्पत्ति कम हुई है।
सबसे ज्यादा वृद्धि पूर्व मख्यमंत्री हरीश रावत की सम्पत्ति में दर्ज हुई है। उनकी सम्पत्ति में कुल 763 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके बाद दूसरे स्थान पर इस बार हरीश रावत को मात देने वाले विधायक यतीश्वरानन्द रहे हैं। उनकी सम्पत्ति में 668 फीसदी की वृद्धि हुई है। जबकि चार विधायको की सम्पत्ति में गिरावट आई है। इनमे इंदिरा हरदेश की सम्पति में 26 फीसदी और बिशन सिंह चुफाल की सम्पति में 22 फीसदी की कमी आई है।
रिपोर्ट के अनुसार:
- 77 फीसदी विधायक उच्च शिक्षित
- 23 फीसदी आठवी से 12वी तक शिक्षा प्राप्त
- 46 फीसदी विधायक 30 से 50 वर्ष आयु वर्ग के
- 53 फीसदी विधायक 51 से 80 आयु वर्ग के
- राज्य की विधानसभा में केवल सात फीसदी महिला प्रतिनिधित्व
- सबसे कम आयु के विधायक विनोद कण्डारी 35 वर्ष
- सबसे अधिक आयु की विधायक इंदिरा ह्रदयेश 75 वर्ष