डीएम के निर्देश पर एडीएम और एसडीएम ने चम्पावत में सरकारी विभागों में व्यापक छापेमारी अभियान चलाया। अभियान में 115 अधिकारी-कर्मचारी विभागों से नदारद मिले। जलागम में तो एक भी कर्मचारी नहीं था। जबकि होम्योपैथिक में एक कर्मी सोया हुआ मिला। दोनों अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है।
उपजिलाधिकारी सदर, सीमा विश्वकर्मा दस बजे तहसील परिसर स्थित अपने कार्यालय में पहुंचने के बाद छापेमारी अभियान के लिये निकली। सबसे पहले सवा दस बजे तहसील स्थित आबकारी कार्यालय में छापा मारा तो वहां जिला आबकारी अधिकारी, निरीक्षक, तीन कांस्टेबल सहित एक अन्य कर्मी अनुपस्थित मिला। दो कर्मी कार्य में लगे हुए थे। सीएमओ कार्यालय में 28 में से 17 कर्मी अनुपस्थित मिले। सीएमओ, एसीएमओ भी नदारद थे। सेवायोजन में तीन में से एक, जिला चिकित्सालय दो, होम्योपैथिक में तीन कर्मी अनुपस्थित मिले। यहां एक कर्मी सोया हुआ मिला। जल संस्थान में एक, लोनिवि में 19 में से पांच अनुपस्थित मिले।
वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय में उपस्थिति पंजिका बनी नहीं थी। एसडीएम ने फटकार लगाते हुए पंजिका बनाने के निर्देश दिए। होमगार्ड कार्यालय में लिपिक रवींद्र प्रसाद बिना अवकाश स्वीकृत कराए जिला मुख्यालय से बाहर हैं। यहां चार में से दो अनुपस्थित पाए गए। यूपीसीएल कार्यालय में 16 में से तीन और नगर पालिका में 15 से में 8 अनुपस्थित मिले। चौंकाने वाला वाकया तब सामने आया जब जलागम कार्यालय में एक भी कर्मी नहीं मिला। एसडीएम ने बताया कि जलागम डीपीडी व एक कर्मी अवकाश में हैं। जबकि अन्य सभी नदारद मिले।
एडीएम हेमंत वर्मा को जिला विकास कार्यलय में आठ, कृषि विभाग में कृषि अधिकारी, पंचायती राज में दो, डीआरडीए में पांच, उद्यान में आठ, अल्पबचत में एक, डीएसटीओ में पांच, सीवीओ में 11, सहकारिता में सात और डीपीआरओ कार्यालय में पांच कर्मचारी अनुपस्थित मिले। एडीएम व एसडीएम सदर ने अपने निरीक्षण की रिपोर्ट बनाकर डीएम को सौंप दी है। डीएम डॉ.अहमद इकबाल का कहना है कि प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त बनाने के लिए छापेमारी अभियान चलाया गया और भविष्य में भी इसी तरह के अभियान चलाए जाएंगे। नदारद रहने वाले कर्मियों पर जांच के बाद कार्यवाही होगी।