सूरज की तपिश ने जंहा पूरे उत्तर भारत को हिला कर रख दिया है वंही पहाडो पर भी बड़ते पारे का असर दिखने लगा है ,प्रदेश में बिजली-पानी की किल्ल्त का असर तीर्थ नगरी पर साफ़ देखा जा रहा है। उत्तराखंड में चार धाम यात्रा में आये तीर्थ यात्रिओं को चिलचिलाती गर्मी के साथ-साथ पेयजल की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। सूरज की बढ़ती तपिश का असर आम जन जीवन पर साफ़ देखा जा रहा है, गर्मी से पेयजल श्रोत सूख गये हैं और सरकारी पेयजल व्यवस्था भी चरमरा गयी है।
अप्रैल के शुरुवाती दिनों से ही ऋषिकेश का पारा लगातार ऊपर पहुंचता जा रहा है। सुबह 8 बजे से ही धूप से चार धाम यात्रा में आने वाले यात्रिओं का पल पल भारी गुजर रहा है। चार धाम यात्रा टर्मिनल में यात्रियों की सुविधा के लिए कोई भी व्यवस्था ठीक नहीं है ना ही टीन शेड, ना ही बैठने की सुविधा। यात्रा पर आये यात्रियों के लिए पानी की व्यवस्था भी पूरी नहीं हो पा रही है और न ही गर्मी से राहत देने के लिए पंखो की कोई व्यवस्था है।
प्रदेश सरकार और प्रशाशन ने यात्रा के दौरान यात्रियों को हर सहूलियत मोहैया कराने की बात तो कही थी लेकिन देवभूमि के प्रवेश द्वार में ही यात्रियों की फजीहत की किसी को चिंता नहीं है । ऐसे में बहार से आने वाले तीर्थ यात्री पहाड़ो के लिए यात्रा टर्मिनल में जमा है लेकिन बिजली -पानी की कमी के साथ ,मूलभूत सुविधाओं की कमी यात्रियों पर भारी पड रही है, जबकि अधिकारीयों का कहना है की इस बार यात्रा में प्रशाशन द्वारा हर तैयारी पूरी की गयी है।