उत्तराखंड में शराब की दुकानों के आवेदन में आई 59% की गिरावट

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नेशनल हाईवे को 500 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों पर पांबंदी के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर उत्तराखंड में आबकारी विभाग की कमाई पर पड़ने लगा है। इस साल उत्तराखंड में शराब की दुकानों के लाइसेंस के लिये आनी वाली अर्जियों में करीब 59 % की गिरावट आई है। आबकारी विभाग के अनुसार इस साल उन्हें 503 में से 437 दुकानों के लाइसेंस के लिये मात्र 25,992 अर्जियां ही मिली। वहीं ये आंकड़ा पिछले साल करीब 63,000 का था।

आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस मार्च-अप्रैल के महीनें में सारी कवयाद कोर्ट के आदेश के बाद दुकानों को विस्थापित करने में लग गई। शराब की बिक्री के लिहाज से ये दोनों महीने सबसे ज्यादा बिक्री के होते हैं। ये एक बड़ा कारण हो सकता है नई अर्जियों की संख्या में कमी का।

इसके साथ साथ राज्य सरकार ने पहाड़ों में शराब की दुकानों के खुलने के समय में भी बदलाव किया है। जिसके चलते भी पहाड़ों से आने वाली अर्जियों में खासी कमी आई है।  कोर्ट के आदेश के बाद परेशानी से झूझ रहे आबकारी विभाग के लिये ये संकेत अच्छे नहीं। बात और पेचीदा तब हो जाती है जबकी राज्य सरकार ने शराब बिक्री से होने वाली कमाई को बढ़ाने के लिये सभी जिलों को अपने अपने टारगेट दे रखे हैं।