इस साल से उत्तराखंड के 4 स्पाट होंगे ”टोबैको फ्री”

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देवभूमि उत्तराखंड में अपनी छुट्टियां मनाने आने वाले टूरिस्ट और यात्रियों के लिए राज्य सरकार ने एक नई पहल की है। अपने यात्रियों को एक स्मोक फ्री वेकेशन देने के लिए सरकार ने उत्तराखंड के 4 टूरिस्ट स्पाट को चुना है। इन 4 स्पाट में हरिद्वार का हरकी पौड़ी, मसूरी का माल रोड, नैनीताल और देहरादून के पलटन बाजार को चुना गया है। पैसिव स्मोकिंग और इन क्षेत्रों में पापुल्येशन डेंसिटी के फुटफाल को ध्यान में रखते हुए इन चार स्पाट को चुना गया है। सूत्रों के अनुसार गंगा के 10 घाटों में लगभग 1 लाख लोग हर दिन डुबकी लगाते हैं।

टोबैको कंट्रोल प्रोग्राम के स्टेट नोडल आफिसर बी.एस रावत ने बताया कि सिगरेट और अदर टोबैको प्रोडक्ट एक्ट और दूसरी गाईडलाईन को इन चारों क्षेत्रों में सख्ती से लागू किया जाएगा। इन क्षेत्रों में हर रोज आने वालों की संख्या ज्यादा है और यह दिन पर दिन यह संख्या बढ़ ही रही है। इन क्षेत्रों में बच्चों और गर्भवती महिलाएं पेसिव स्मोकर की श्रेणी में आते है। इसके अलावा भीड़भाड़ वाले यह क्षेत्र बहुत से अवैध टोबैको बिज़नेस की तरफ भी बढ़ रहे है।

सीओपीटीए ने पब्लिक प्लेस पर स्मोकिंग को दिसंबर 2013 में ही बैन कर दिया था। हालांकि वर्ड लंग फाउंडेशन साउथ एशिया द्वार जारी कि गई एक रिपोर्ट में यह बात साफ की गई हैं कि उत्तराखंड राज्य में 3.1 मिलियन तम्बाकू का सेवन करने वाले लोग हैं। करोड़ों लोगों में आने वाले स्मोकर में 2020 से हर रोज 20 लोगों की जान जाएगी वो भी तम्बाकू सेवन की वजह से। तम्बाकू सेवन से जानलेवा बीमारियां जैसे कि फेफड़ा रोग, कैंसर और दिल की बीमारियां होती हैं।

स्वास्थ विभाग के रिकार्ड के अनुसार पिछले 3 सालों में सीओपीटीए के अंर्तगत लगभग 7,273 लोगों से जुर्माना लिया गया है। इस जुर्मानें से कुल 3.85 लाख जमा किए गए हैं। 18 साल से कम उम्र में लगभग 117 बच्चें पकड़े गए हैं जिनका जुर्माना 20,450 जमा हुआ है। इसके अलावा राज्य में स्कूलों से 100 मीटर के दायरे में पान मसाला के खोखे होने पर भी रोक है लेकिन इस नियम को भी अनदेखा किया जा रहा है।

उत्तराखंड राज्य की 13 जिलें में केवल तीन जिलें टिहरी,देहरादून और उधमसिंह नगर में तम्बाकू रोकथाम सेंटर हैं। इन तीनों सेंटरों में पिछले 3 सालों में केवल 3,500 लोगों की काउसलिंग की गई है।

इसी साल मई में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शराब और तम्बाकू की रोकथाम के लिए रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जहां चारधाम हैं ऐसे जिलों में शराब पर रोक लगाई थी। इसके अलावा रीठा साहेब और हेमकुंड साहेब के 5 किलोमीटर तक तम्बाकू के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया था।

राज्य के टिहरी जिले को वर्ष 2015 के केंद्र द्वारा किए गए एक सर्वे में टौबेको फ्री क्षेत्र घोषित किया गया था।हालांकि इन सभी नियमों से कुछ सुधार जरुर आया है लेकिन जिस रेट से स्मोकिंग और टोबैको का इस्तेमाल युवा कर रहे हैं इसको रोकना ज्यादा जरुरी है।