उत्तराखंड में पड़ रही गर्मी का असर जनमानस पर जितना पड़ रहा है उतना ही यहां के जंगलों ने रहने वाले जानवरो में भी पड़ रहा है ।इंसान तो अपनी गर्मी जैसे तैसे मिटा ले लेकिन जानवरो के आगे सिर्फ एक पानी ही विकल्प रहता है ।लिहाजा इस वक्त एशिया के सबसे बड़े हाथियों के घर कहे जाने वाले राजाजी पार्क में हाथी वाॅटर होल में अपनी गर्मी मिटा रहे है।
दरसल गर्मी के मौसम में जंगलो में जानवरो के लिए पीने के पानी की भारी कमी हो जाती है इसके लिए राजाजी पार्क और अन्य वन प्रभाग हर साल जंगलो में ऐसे स्वामींग पुल बनाता है ( वाटर होल) जिसमे से जानवर आसानी से पानी पी सके ।इस बार भी राज्य के जंगल बुरी तरह से तप रहे है ।जिसके बाद जानवर अक्सर पानी की तलाश में या तो शहरों में घुस रहे है या फिर उनका गुजरा यहां बने वाटर होल से हो रहा है।
लेकिन इस बार हाथियों की गिनती कर लिए निकली वन विभाग की टीम ने पाया कि जिस वाटर हॉल को वन प्रशासन ने जानवरो के पानी पीने के लिए बनवाया है उन पर हाथियों ने अपना कब्जा किया हुआ है यानी नही हाथियों के झुंड ने बाकायदा इन मे अपने नहाने का सिलसिला भी शुरु कर दिया था ।हरिद्वार से लेकर कांसरो रेंज तक मे बनाये गए वाटर होल में कई हाथियों के झुंड नहा रहे है ।
हालांकि इन हाथियों के नहाने से किसी को कोई परेशानी तो नही है लेकिन दूसरे जानवर इन हाथियों की मौजूदगी के दौरान इस कुंड से दूर ही रहते हैं। बरहाल हाथियों की गिनती करने निकले वन कर्मी खुश है कि इस बार हाथियों की संख्या कुछ बढ़ी है जिसकी रिपोर्ट जल्द बैंग्लोर से आएगी। कहा जा रहा है कि 4 दिनों तक चली इस गणना में लगभग 200 हाथियों को ट्रैप किया गया है।