जानवरों का हो रहा है ट्रैप लगाकर शिकार

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जंगलों में इस बार अाग न लगने से जहां वन विभाग चैन की सांस ले रहा हैं वहीं इस वजह से शिकारियों के हौंसले बुलंद हैं। जंगल में ट्रैप लगाकर जानवरों का शिकार करने की घटनाऐं बढ़ने का अंदेशा है। शुक्रवार को मसूरी में वन विभाग के दफ्तर से कुछ किलो मीटर की दूरी पर “चांस” नाम के एक पालतू कुत्ते की ऐसे ही एक ट्रैप में फंस कर दर्दनाक मौत हो गई। जाहिर सी बात है कि वो ट्रैप वहां उस कुत्ते के लिये नहीं लगाया गया था। ये हादसा मसूरी के मशहूर वुडस्टाॅक स्कूल से कुछ दूर परी टिब्बा इलाके में हुआ।शिकारियों के लिये मौसम और समय मुफीद होता है जंगली सुअर, सांबर आदी का ट्रैप लगाकर शिकार करने के लिये।

 गर्मियां तेज़ होने के कारण जानवर जंगलों से निकलकर पानी की स्रोतों जैसे, झरने, गदेरों के पास आते हैं। ऐसे में वो शिकारियों के लिये मुफीद निशाना बन जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक सागर फार्म इलाके पास करीब 14 एकड़ के छोटे इलाके में करीब करीब 40 ट्रैप बरामद किये गये हैं।

इस घटना पर वन विभाग हरकत में आ गया है। मसूरी वन प्रभाग के डीएफओ साकेत बडोला ने एक सात सदस्यीय दल बनाकर मामले की तफ्तीश करने और साथ साथ ऐसे बिछाये गये ट्रैपों को चिन्हित कर सिकारियों की धर परड़ के आदेश दिये हैं। वन विभाग का कहना है कि इस तरह के शिकार या जानवरों की हत्या में लिप्त पाये गये व्यक्तियों पर कड़ा एक्शन लिया जायेगा।

इसके अलावा शिकारियों की जानकारी देने वालों को इनाम दिया जाएगा और साथ ही इन क्षेत्रों में कैमरा ट्रैप भी लगाया जाएगा। वुडस्टाक स्कूल को भी उनकी निरंतर सहयोग के लिए धन्यावाद देते हुए मसूरी डीएफओ ने कहा कि स्कूल की वजह से यह क्षेत्र जानवरों के लिए स्वर्ग है।