मन को भायेंगे यह ”रंग-बिरंगे कारपेट”

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देहरादून से मसूरी तक घुमावदार सड़क पर सफर करते हुए शायद ही कोई ऐसा होगा जो सड़क के किनारे लगाए हुए रंग-बिरंगे कारपेट पर ध्यान ना दें। स्टेशन जाने के लिए घुमावदार रास्तों के लगभग 15 किलोमीटर के अंदर, आधा दर्जन कालीन विक्रेता रंग-बिरंगे, चमकीले ऊनी और सिंथेटिक कालीनों के साथ रनर; झूमर और फूट मैट दो पेड़ों के बीच रस्सी से लटका कर या नीचे बजरी पर रखे गए अलग–अलग आइटम, भरी गर्मी में मसूरी तक आने वाले पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

इस विषय में बात करने के लिए हमने एक कालीन बेचने वाले इरकान से बात करी। इरकान के परिवार मे 10 लोग है वह बताते हैं, ‘हम सभी माधवसिंह गांव, बंदायूं ,यूपी के रहने वाले हैं।  पिछले 30-32 साल से देहरादून आकर यहीं बस गए हैं और कालीन का बिजनेस करने लगे। गर्मी आते ही मैदानी क्षेत्रों में यह काम नहीं चलता तो हम यहां 2 महीनों के लिए दुकान लगा लेते हैं।’

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सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक कारपेट बेचने वाले दिन में 100 से लेकर 2 हजार तक कमा लेते है। अच्छें रंग, खूबसूरत डिजाईन, और अलग-अलग आकार और साइज में उपलब्ध यह कारपेट आने जाने वाले पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।हालांकि इनमे से बहुत से ऐसे हैं जो कवल दाम पूछ कर निकल जाते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी है जो इनको खरीदते हैं। बातचीत के दौरान हमें एक खरीदार भी मिली जो हैदराबाद से थी उन्होंने हमे बताया कि इतनी अच्छी वेरायटी, इतने कम दामों में शहरों के बड़े-बड़े माल में नहीं मिलेंगी।यह एक ऐसी डील है जिसको लेने में फायदा ही फायदा है।

इसलिए अगर अगली बार आप मसूरी की रुख करें तो एक कारपेट जरुर खरीदें जो आपके लिए फायदे का सौदा तो होगा ही साथ में आपके खूबसूरत घर में यह चार चांद भी लगा देगा।