शनिवार को देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी ने अपने 140वें रेगुलर कोर्स के पासिंग आउट परेड का आयोजन किया । ऐतिहासिक चेटवुड हाल के प्रांगण में 423 भारतीय कैडेटों के साथ साथ 8 मित्र देशों से आये 67 कैडेटस कोर्स पूरा कर के अधिकारी बन गये।आर्मी चीफ बिपिन रावत परेड के रिव्यू आॅफिसर थे। इस मौके पर बोलते हुए जनरल रावत ने कहा कि “आईएमए आ कर उन्हें अपने पुराने दिन याद आ गये।” सभी कमिश्नड अधिकारियों को उनके उज्जवल भविष्य के लिये जनरल रावत ने शुभकामनाऐं दीं।
सेना प्रमुख ने कैडेट्स को ओवरऑल बेस्ट परफारमेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। अविनाश क्षेत्री को स्वार्ड ऑफ ऑनर प्रदान की गई। अविनाश को स्वर्ण पदक भी मिला। रजत पदक विकास सांगवान और कांस्य पदक रोहित जोशी को दिया गया। अक्षय सिंह बिष्ट ने सिल्वर मेडल (टीजी) ने हासिल किया। सर्वश्रेष्ठ विदेशी विलफ्रेड साइप्रियन लयाकुरवा कैडेट चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर सिंहगढ कंपनी को मिला।
सुबह 6 बजकर 37 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ। कंपनी सार्जेट मेजर शशि भूषण उप्रेती, अर्षदीप सिंह ढिल्लन, विशाल शर्मा, विकास गोयल, देवेंद्र सिंह अधिकारी, मनीष वर्मा, हर्षित बंखवाल व तरुण दयाल ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। एडवानस कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते परेड के लिए पहुंचे। परेड कमाडर अविनाश क्षेत्री ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध किया। इधर, युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे, तो आसमान से हेलीकाप्टरों के जरिए उन पर पुष्प वर्षा हो रही थी।
परेड की एकाग्रता और तालमेल देखते ही बन रहा था। इस परफेक्ट परेड के लिये कैडेटस द्वारा कि गई तैयारी और मेहनत ने फौज की डिसिप्लिन ज़िदगी को साफ दर्शाया। जैसे ही कैडेटस ने परेड पूरी की और “अंतिम पग” को पार किया वो कैडेटस से अधिकारी बन गये और ये सचमुच हर कैडेट के लिये यादगार लम्हा रहा। इस पल को कैमरों और अपनी यादों में कैद करने के लिये मीडिया और कैडेटस के परिवार के लोग मौजूद रहे।
2 घंटे चली इस परेड के मुख्य आकर्षण रहा परेड निरीक्षण, स्वार्ड आफ अानर, पिपिंग और ओथ टेकिंग सेरेमनी जो कि चेटवुड हाल के लान मे हुई।इसके बाद सभी नये अधिकारियों ने “कदम कदम बढ़ाये जा” के स्वरों से आसमान भर दिया और सेना में मौजूद जोश और जज़्बे की मिसाल पेश की।
इस दौरान आरट्रैक कमांडर ले जनरल डीआर सोनी, कमाडेंट ले जनरल एसके उपाध्याय, डिप्टी कमान्डेंट मेजर जनरल मनदीप सिंह सहित कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी व सेवानिवृत्त अधिकारी मौजूद रहे।साल दर साल भारतीय सैन्य अकादमी भारतीय सेना को वीरों से वीर अधिकारी देने के अपने चलन को बरकरार रखा रहा है। और ये साबित करता है कि आईएमए आज भी दुनिया के बेहतरीन सैनिक ट्रैनिंग इंस्टिट्यूटों मे से एक है।
आईएमए पीओपी के चलते सारे देहरादून को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। आईएमए के आसपास का सारा इलाका आम यातायात के लिये बंद था वहीं शहर के कई अन्य रास्तों में फेर बदल किया गया था।