कुमांऊ विवि में नये अध्यादेश से छात्रों को राहत

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कुमाऊं विवि विद्यालय परिषद, नैनीताल की बैठक में 2016-17 में पहली बार स्नातक स्तर पर लागू सेमेस्टर परीक्षा के लिए प्रभावी अध्यादेश को मंजूर कर लिया गया है। इसके बाद स्नातक प्रथम के हजारों छात्रों की संशय की स्थिति खत्म हो गई। विद्या परिषद ने विभिन्न संकायों में अध्ययनरत स्नातक स्तर के छात्रों के लिए अध्यादेशों में एकरूपता लाने के लिए 2017-18 से प्रभावी नए अध्यादेशों को भी स्वीकृति प्रदान की गई। ऑर्डिनेंस के अनुसार 2016-17 में स्नातक प्रथम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी पर पुराने अध्यादेश ही प्रभावी होंगे। एकेडेमिक काउंसिल ने ऑनलाइन एडमिशन को भी हरी झंडी दे दी है।

शुक्रवार को भूगर्भ विभाग सभागार में कुलपति प्रो. डीके नौडि़याल की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभागों की ओर से पाठ्यक्रम समिति की सिफारिशों को भी मंजूरी प्रदान की गई। किसी विभाग ने पाठ्यक्रम में संशोधन अथवा नए कोर्स आरंभ करने का प्रस्ताव नहीं रखा। इस दौरान संकायाध्यक्षों ने विभागों से संबंधित प्रस्ताव रखे। इसमें वह प्रस्ताव शामिल थे, जो कुलपति ने विशेषाधिकार के तहत शामिल किए थे व जिनका विद्या परिषद में अनुमोदन जरूरी था। बैठक में कुलसचिव प्रो. डीसी पांडे, डीन वाणिज्य एवं प्रबंधन अध्ययन प्रो. पीसी कविदयाल, डीन आर्ट प्रो. भगवान बिष्ट, डीन लॉ प्रो. डीके भट्ट, डीन साइंस प्रो. संतोष कुमार, प्रो. एके शर्मा, प्रो. सीसी पंत, प्रो. एसपीएस मेहता, प्रो. आरएस पथनी, प्राचार्य डॉ चंदन सिंह मेहता आदि मौजूद थे।

यह होगा बदलाव

नए ऑडिनेंस के अनुसार स्नातक के विद्यार्थी को बीएससी में तीन विषयों में से दो विषयों के हर पेपर में पास होना पड़ेगा। न्यूनतम उत्तीर्ण प्रतिशत 33 निर्धारित हैं। छात्रों को थ्योरी व प्रेक्टिकल में अलग-अलग उत्तीर्ण होना होगा। अब प्रथम सेमेस्टर की बैक तीसरे में, दूसरे की बेक चौथे में तथा पांचवें व छठे के लिए ही स्पेशल बैक का प्रावधान है। फाइनल सेमेस्टर के परिणाम के एक माह के भीतर स्पेशल बैक होगी।