हरिद्वार। आधार कार्ड में लालढांग क्षेत्र के एक ही गांव के करीब चार सौ लोगों की एक जन्मतिथि अंकित होने का मामला प्रकाश में आया है। मामला संज्ञान में आते ही जिलाधिकारी दीपक रावत ने शनिवार को गांव में छापा मारा और कार्रवाई के निर्देश दिए। आधार कार्ड में बच्चों और माता-पिता की जन्मतिथि एक दर्शाई गई है।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आधार कार्ड को सरकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ही पलीता लगा रहे हैं। एक ओर केंद्र सरकार हर चीज को आधार से लिंक करने की बात कह रही है। वहीं अधिकारियों की लापरवाही के कारण कई परिवारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मामला बहादराबाद ब्लॉक के गुर्जर बस्ती का सामने आया। आधार कार्ड में पूरे परिवार की जन्मतिथि एक दर्शाई गई है। सात साल के बच्चे और 70 साल के दादा के साथ परिवार के सभी सदस्यों की जन्मतिथि एक जनवरी अंकित की गई है।
गुर्जर बस्ती निवासी वजीर चोपड़ा व जहांगीर ने बताया कि करीब दो वर्ष पहले प्राथमिक विद्यालय में आधार कार्ड बनाने का कैंप लगा था। उस समय पूरे परिवार के साथ कार्ड बनवाने गए थे। उन्होंने बताया कि जिन्होंने उस समय कैंप में आधार कार्ड बनाया। कैंप में तैनात कार्मिकों की लापरवाही से पूरे परिवार की जन्मतिथि एक जनवरी अंकित की गई है।
उन्होंने बताया कि अब हर जगह आधार कार्ड की आवश्यकता पड़ रही है, लेकिन सही जन्मतिथि नहीं होने से उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि गुर्जर बस्ती में ही करीब चार सौ लोगों के आधार कार्ड में जन्मतिथि एक जनवरी अंकित की गई है।
बता दें कि मामला तब सामने आया, जब केन्द्र सरकार की योजना के मुताबिक वन गुर्जरों को निर्वासित किया जाना था। इसके चलते उन्हें भूमि आवंटित किए जाने की योजना थी। आधार कार्ड में सभी लोगों की जन्मतिथि एक जैसी आने पर मामले का पटाक्षेप हुआ। मामले के सामने आते ही जिलाधिकारी दीपक रावत ने आज गांव में छापा मारा और मामले की जांच के आदेश अधिकारियों को दिए।