उत्तराखंड के सभी जिलों में निकाय ‘आप’ चलायेगी अपनी झाड़ू

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(देहरादून) आम आदमी पार्टी (आप) उत्तराखंड के प्रदेश प्रभारी व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रमुख सलाहकार राकेश कुमार सिन्हा ने गुरुवार को देहरादून प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आप पार्टी उत्तराखंड के सभी जिलों में निकाय चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 10 जिलों में निकाय चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली गई है।उन्होंने कहा कि पार्टी का लक्ष्य निकाय चुनावों में अपनी जबरदस्त उपस्थिति दर्ज करवाना है। पार्टी का संगठन जमीनी तौर पर निकाय चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रदेश में ‘आप’ ईमानदार व स्वच्छ राजनैतिक विकल्प देने में सक्षम है और चुनावों के बाद पार्टी प्रदेश की मुख्यधारा की राजनीति में तेजी से अपनी जगह बनाएगी।

इस दौरान राकेश सिन्हा ने उत्तराखंड प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने व्यवसाय प्रकाश पांडे की मौत पर सरकार की लापरवाही बताते हुए कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण प्रकाश पांडे ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी मांगों को लेकर प्रदेश में लोग आमरण अनशन कर रहे हैं यह सरकार की नाकामी है। सिन्हा ने कहा, ‘पिछले 17वर्षों में उत्तराखंड में कांग्रेस-भाजपा की सरकारें जनता को मूलभूत सुविधाएं नहीं दे पाई हैं।’ जिसके लिए सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में जनता को अपनी छोटी-छोटी मांगों पर आंदोलन व अनशन करने पड़ रहे हैं। विकास की जिस अवधारणा के साथ उत्तराखंड का जन्म हुआ कांग्रेस-भाजपा उस पर बिफल साबित हुई।

प्रकाश पांडे की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की नोटबंदी व जीएसटी के कारण छोटा व मध्यम व्यापारी वर्ग हताश है। उन्होंने भाजपा की ‘आजीवन सहयोग निधि योजना’ को भ्रष्टाचार की जनक बताते हुए कहा कि विधायकों को बड़े आर्थिक चंदे का लक्ष्य देकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने लैंसडाउन चौक पर कैंप लगाकर पार्टी के नि:शुल्क सदस्य अभियान की शुरुआत भी की।

गौरतलब है कि इससे पहले भी विधानसभा चुनावों में आप से राज्य में एक और राजनीतिक विकल्प की उम्मीद बांधी गई थी। मगर अंद्रूनी कलह के चलते न सिर्फ पार्टी ने चुनावों में हिस्सा नहीं लिया बल्कि पार्टी से जुड़े कई लोग अलग भी हो गये। ऐसे ही एक सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल पार्टी से इस कदर नाराज़ हैं कि पार्टी के चुनाव लड़ने की बात पर उन्होंने बात तक करने से मना कर दिया। वहीं प्रोफेसर गणेश सैली कहते हैं कि “आम आदमी पार्टी से जो उम्मीदें थी वो अब लोगों को खत्म हो गई हैं। अब ये सत्ता की भूखी किसी भी और पार्टी की तरह हो गई है।”

बहरहाल निकाय चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारने के फैसले से आप का राज्य इकाई के नेता खासे खुश हैंऔर उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन बाहतर रहेगा।