पतंजलि चिकित्सालय के चिकित्सकीय एप्रोच से प्रेरित होकर आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फार हॉस्पिटल एण्ड हेल्थ केयर प्रोवाइडर एनएबीएच के अधिकारियों का तीन सदस्यीय दल बुधवार को पतंजलि योगपीठ पहुंचा।
दल के सदस्यों और पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के मध्य पतंजलि चिकित्सालय को एनएबीएच के साथ जोड़ने, चिकित्सालय की क्वालिटी इम्प्रूव करने में बोर्ड एवं पतंजलि योगपीठ चिकित्सालय द्वारा संयुक्त रूप से सम्भावनाएं तलाशने, चिकित्सालय में आने वाले रोगियों की सुरक्षा एवं उसके उपचार की गुणवत्ता बढ़ाने मे मदद करने सहित पतंजलि चिकित्सालय की विविध सुविधाओं को आयुष मंत्रालय के मापदण्डों के अनुरूप विकसित करने पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर पतंजलि रिसर्च फाउण्डेशन में संबोधन के दौरान एनएबीएच के अधिकारियों की ओर से क्वालिटी मॉडल का प्रजेन्टेशन भी हुआ। अपने उद्बोधन में बोर्ड की डिप्टी डॉयरेक्टर डाॅ. बंदना ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण के मार्गदर्शन में पतंजलि आयुर्वेद ने उच्चस्तरीय चिकित्सा आयाम स्थापित कियें हैं। साथ ही पतंजलि चिकित्सालय की सेवाओं से देश-विदेश के लाखों रोगियों को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि पतंजलि चिकित्सालय को बोर्ड के मानकों में शामिल करने से जहां पतंजलि को स्वास्थ्य गुणवत्ता के नये मानक गढ़ने में मदद मिलेगी, वहीं बोर्ड भी इससे अपने को गौरवांवित अनुभव करेगा। दल के सदस्य डाॅ. अनुराग मित्तल एवं डाॅ. रोहित ने भी अपने विचार रखे।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि प्राचीन ऋषियों द्वारा अनुसंधित योग-आयुर्वेद आधुनिक वैज्ञानिक मानकों के साथ जन-जन के बीच पहुंचे और लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिले यही पतंजलि का संकल्प है। उन्होंने कहा पतंजलि चिकित्सालय एवं एनएबीएच दोनों एक दूसरे के पूरक बनकर अपने गुणवत्तापरक अनुसंधानात्मक अभियान से आयुर्वेद चिकित्सा को नयी ऊचाइयों तक पहुंचाने में मददगार साबित होंगे।
विदित हो कि, आयुष मंत्रालय का यह नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फार हॉस्पिटल एण्ड हेल्थ केयर प्रोवाइडर एनएबीएच देश भर के आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट से जुड़ी सेवायें एवं आयुर्वेदिक हॉस्पिटल सेवाओं की क्वालिटी इम्प्रूवमेंट के लिए कार्य करती है।