डेढ साल से फरार कबूतरबाज,दो अभियुक्त सहित गिरफ्तार

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2016 में प्रीतम सिंह, शीशमझाड़ी, मुनि की रेती,टिहरी गढवाल ने थाना ऋषिकेश पर सूचना अंकित करायी कि कुछ व्यक्तियों द्वारा विदेश भेजने के नाम पर दो लाख रूपये की ठगी कर ली व विदेश नही भेजा गया। सूचना पर थाना ऋषिकेश पर अभियुक्त कमल सिंह राणा, टिहरी गढवाल व नीरव कपाड़िया,गुजरात के विरूद्ध धोखाधड़ी का मु.अ.सं. 201/16, धारा 420 भादवि का अभियोग पंजीकृत किया गया।

कमल सिंह राणा को गिरफ्तार कर 2016 में जेल भेजा गया, अभियुक्त नीरव कपाड़िया की गिरफ्तारी के लिये कई बार उसके सम्भावित पतों पर दबिश दी गयी परन्तु वह पुलिस को चकमा देकर निकल गया।  विवेचना के मध्य एक अन्य अभियुक्त अरूण कुमार, हरियाणा का नाम प्रकाश में आया। मुख्य आरोपी नीरव कपाड़िया की गिरफ्तारी के लिये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून द्वारा ढाई हजार रूपये का ईनाम घोषित किया गया था।

डेढ वर्षो से अभियुक्तगण गिरफ्तारी से बचने के लिये विभिन्न राज्यों में छिपते रहते थे। पुलिस द्वारा लगातार विभिन्न राज्यों में इनके सम्भावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही थी परन्तु अभियुक्तगण शातिर होने के कारण पुलिस की गिरफ्त में नही आ रहे थे। प्रवीण सिंह कोश्यारी, ऋषिकेश द्वारा विशेष टीम बनाकर उत्तरप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा व गुजरात आदि भेजी गयी। पुलिस टीम द्वारा उपरोक्त स्थानों पर लगातार दबिश दी गयी। पुलिस टीम को जानकारी मिली कि दोनो अभियुक्त राजस्थान होकर हरिद्वार पर पुनः किसी व्यक्ति को विदेश भेजने के नाम पर ठगने के लिये आ रहे हैं।

दिनांक 20.08.17 को समय 7.30 बजे पुलिस टीम द्वारा दोनो अभियुक्तों नीरव कपाड़िया व अरूण कुमार को हरिद्वार रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। अभियुक्तगण के आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है।

अपराध करने का तरीका :-

पकड़े गये व्यक्तियों के सम्बन्ध में यह जानकारी मिली कि यह भी सीधे साधे व्यक्तियों को विदेश भेजने का लालच देकर वर्किंग वीजा के नाम पर टूरिस्ट वीजा देकर उन्हे विदेश भेजते थे, जिनकी अवधि समाप्त होने की जानकारी व्यक्तियों को नही दी जाती थी, जिससे उक्त व्यक्ति विदेश में ही फंस जाते थे। इस प्रकार काम कराने के नाम पर भेजने के बजाय उक्त अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी कर टूरिस्ट वीजा में व्यक्तियों को भेजकर उनके साथ धोखाधड़ी की जाती थी।