देहरादून। उत्तराखण्ड पुलिस शातिर अपराधियों को सजा दिलाने के लिए न्यायालय में जोरदार पैरवी करेगी, ताकि कमजोर पैरवी का फायदा उठाकर अपराधी छूट न पाएं। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अभियोजन में गुणवत्ता लाने एवं अभियोजन अधिकारियों की कार्यक्षमता को प्रदेश भर में बढ़ाया जाएगा।
अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध व कानून व्यवस्था) एवं निदेशक अभियोजन अशोक कुमार द्वारा पुलिस मुख्यालय सभागार में प्रदेशभर के अभियोजन अधिकारियों की बैठक ली गई। उन्होंने कहा कि अपराधियों को सजा को लिए मुकदमें की सघन पैरवी की जाए।
इस मौके पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें कानून एवं वित्त से सम्बन्धित जानकारियां दी गईं। अशोक कुमार ने सभी जनपदों के अधिकारियों द्वारा अभियोजित किये गये मामलों में विस्तार से चर्चा की व उनके कार्यों का मूल्यांकन कर निर्देश दिये कि अभियोजन की ओर से किसी भी मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाय। जिन अधिकारियों का सजा प्रतिशत कम था, उन्हें सजा का प्रतिशत बढ़ाने की सख्त हिदायत दी गई। कार्यशाला में कुमार ने सभी अधिकारियों को सजा का प्रतिशत बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि अभियोजन की लापरवाही की वजह से गम्भीर प्रकार के अपराधों में कोई अभियुक्त रिहा न होने पाये ऐसा सुनिश्चित करना होगा।
इस मौके पर कुमार ने सभी अभियोजन अधिकारियों को निम्न बिन्दुओं पर निर्देश दिये। इसमें पेशेवर अपराधों जैसे- चोरी, लूट, नक्बजनी एवं गैंगस्टर की पैरवी न्यायालय में सही से की जाये। नामिका अधिवक्ता जो सही से पैरवी नहीं कर रहे है उन्हें हटाने के लिये शासन से पत्रचार किया जाये। अधिक से अधिक मामलों में न्यायालयों में अपील की जाये। इस अवसर पर हरिविनोद जोशी, अपर निदेशक (विधि), अभियोजन निदेशालय सहित अन्य अभियोजन अधिकारी उपस्थित रहे।