रैबार कार्यक्रम में मिले सुझावों पर जल्द शुरु होगा कामः सीएम रावत

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    देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में आयोजित ‘‘रैबार‘‘ कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि रैबार कार्यक्रम के द्वारा राज्य के विकास के लिए कई अच्छे सुझाव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के दौरान हमें सुझाव मिले हैं कि कौशल विकास कार्यक्रम पर फोकस किया जाना चाहिए, इसे और अधिक विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिलों की मैपिंग की आवश्यकता पर चर्चा हुयी है। वहाँ की क्या-क्या आवश्यकताएं और प्राथमिकताएं हैं, इसकी जानकारी होना आवश्यक है ताकि योजनाएं उसके अनुरूप बनायी जाएं। हाॅस्पिटैलिटी सेवाओं का विकास किया जाने पर बल दिया है। राज्य में कनैक्टिविटी का विकास किया जाए। दूरस्थ क्षेत्रों में एयर कनैक्टिविटी पर बल दिया जाए। होम स्टे योजना को सांस्कृतिक विशिष्टताओं से जोड़कर विकसित किया जाए। राज्य में एडवेंचर टूरिज्म और माउन्टेन बाईकिंग की काफी सम्भावनाएं हैं। उत्तरकाशी में इस पर प्रयोग भी शुरू कर दिया गया है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी की स्वच्छता के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्थानीय लोगों की समिति बनायी जाएगी। पलायन को रोकने के लिए शिक्षण संस्थानों को गुणवत्तापूर्ण बनाए जाने पर बल दिया जाए। उन्होंने कहा कि जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। जैविक खेती को अधिक प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रसून जोशी ने फिल्म इंडस्ट्री से सम्बन्धित संस्थान भी बनाए जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि एनटीआरओ चीफ आलोक जोशी ने साइबर सिक्योरिटी की ट्रेनिंग दिये जाने की बात कही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि उत्तराखण्ड में ड्रोन्स एप्लीकेशन सेंटर खोला जाएगा।
    मुख्यमंत्री आवास में रविवार को आयोजित रैबार कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, एन.टी.आर.ओ के चेयरमैन आलोक जोशी, प्रधानमंत्री के सचिव भाष्कर खुल्बे, प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी और आचार्य बालकृष्ण ने प्रतिभाग किया।
    प्रसून जोशी ने कहा कि पहाड़ की महिलाओं में संघर्ष की क्षमता है। प्रकृति संघर्ष और जीवटता सिखाती है परन्तु चालाकी नहीं। पहाड़ो का जीवन चुनौतियां सिखाता है, लेकिन छल नहीं। उन्होने सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पर्यटन एवं पर्यावरण के मध्य संतुलन होना चाहिए। उत्तराखण्ड के लोगों की रचनात्मकता को देखते हुए यहां पर मीडिया एवं क्रियेटिव आर्टस का एक संस्थान खोलना चाहिए। उन्होने ब्रांड उत्तराखण्ड विकसित करने की बात कही।
    मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने रैबार में प्राप्त सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार सकारात्मक रूप से इन सुझावों पर काम करेगी। उन्होने महिलाओं के स्वंय सहायता समूहों द्वारा किये जा रहे कार्यो की सराहना करते हुए ऐसे समूहों को प्रोत्साहित किए जाने पर बल दिया। उन्होने प्रधानमंत्री के सचिव द्वारा विजन 2020 विकसित करने के सुझाव का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के अधिकारियों ने बहुत से क्षेत्रों को चिन्ह्ति कर लिया है और शीघ्र ही एक रोड मैप बनाया जायेगा।
    थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन का प्रमुख कारण है। उन्होने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ उत्तराखण्ड को अपनी संस्कृति भी बचा कर रखनी होगी। स्कूली शिक्षा के साथ साथ उच्च शिक्षा के केन्द्र भी पहाड़ो में खोले जाए। कई ऐसे इलाके जो अभी तक पर्यटकों के लिए अनजान थे उन्हें भी खोलने पर विचार किया जाए। ट्रेकिंग और माउन्टेन बाईकिंग जैसे क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए।
    एनटीआरओ के प्रमुख आलोक जोशी ने कहा कि आज हिन्दुस्तान में 05 लाख साईबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों की जरूरत है। उत्तराखण्ड में उपलब्ध संसाधनों में हल्के-फुल्के बदलाव के साथ साईबर सिक्योरिटी प्रशिक्षण के रूप में एक बड़े क्षेत्र में रोजगार सृजित किया जा सकता है। उन्होने कहा कि एनटीआरओ और उत्तराखण्ड सरकार मिलकर तीन माह के अन्दर साईबर सिक्योरिटी ट्रेनिंग के लिए एक केन्द्र खोलने जा रहे है जिसमें प्रथम चरण में 25 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होने द्रोन एप्लीकेशनों के लिए भी देहरादून में सेन्टर खोलने की बात कही।