रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में बिल्डरों और प्रॉपर्टी डीलरों के पंजीकरण से अब तक प्राधिकरण को 2.07 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है। इस राशि से रेरा को साधन संपन्न बनाया जाएगा।
रेरा ने एक मई-2017 से पहले विभिन्न आवासीय व कमर्शियल परियोजनाओं में अनापत्ति प्रमाण पत्र न लेने वाले बिल्डरों के लिए 31 जुलाई तक पंजीकरण कराने की सुविधा दी थी। इसके तहत 167 बिल्डरों ने पंजीकरण कराया। इससे रेरा को 1.91 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई। वहीं, प्रॉपर्टी डीलरों के लिए पंजीकरण के लिए कोई समयवधि निर्धारित नहीं की गई है। शनिवार तक 45 डीलर अपना पंजीकरण करा चुके हैं। इन पंजीकरण से अब तक रेरा को कुल 16 लाख रुपये की आय हुई है।
रेरा के नियामक प्राधिकारी व सचिव आवास अमित नेगी ने बताया कि पंजीकरण के लिए रेरा में प्रावधान किया गया है कि एक सीमा से अधिक शुल्क नहीं लिया जा सकता। इसके बाद भी सिर्फ रियल एस्टेट प्रमोटर्स, बिल्डर्स के पंजीकरण से ही 1.91 करोड़ की आय प्राप्त होना यह बताता है कि राज्य में कई बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। पंजीकरण शुल्क से प्राप्त धनराशि को रेरा के खाते में ही जमा किया जाएगा और जब अथॉरिटी का गठन कर लिया जाएगा तो उसमें कार्मिकों के वेतन आदि के खर्चे इससे वहन किए जाएंगे।