उत्तराखंड के किसानों के चेहरों पर खुशी लायेंगे “एग्री कैफे “

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आने वाले दिनों में राज्य के किसान घर बैठे ही अपने खेतों के लिये उपकरण खरीद सकेंगे, बिना गांवों से कोसों दूर शहरों तक जाये खेती संबंधी जानकारियां और सवालों के जवाब पा सकेंगे। सुनकर ये सब नामुममकिन सा लगता है? इसे मुमकिन करने की पहल की है आइडियल एग्री बिजनेस सर्विसेस कंपनी ने। किसानों के पुर्ण विकास के लिये ये कंपनी एग्री कैफे नाम का प्राॅजेक्ट शुरू करने जा रही है। कंपनी के डायरेक्टर लिलांशु अरोड़ा ने बताया कि इस प्राॅजेक्ट में किसानों को इंटरनेट की मदद से मुख्य धारा से जोड़ने की कोशिश की जायेगी। प्राॅजेक्ट तीन चरणों में होगा। पहला चरण है किसानों के लिये वेब पोर्टल, इस पोर्टल के ज़रिये किसानों को तीन तरह की सुविधाऐं मिल सकेंगी।

  • किसान बाज़ार जो कि एक सेल पोर्टल है जिसके ज़रिये किसान घर बैठे खेती से जुड़े तमाम उपकरण, बीज, खाद आदि खरीद सकेंगे।
  • दूसरे हिस्स में खेती के लिये ज़रूरी लेकिन मंहगे उपकरणों को किसान किराये पर ले सकेंगे।
  • तीसरा हिस्सा खेती से जुड़े व्यवसायियों के लिये है जो यहां से बाज़ार से जुड़ी जानकारियां हासिल कर सकेंगे।

इस प्राॅजेक्ट का दूसरा हिस्सा है “पादप रोग प्रयोगशाला” जिस पर काम शुरू हो गया है। ये प्रयोगशाला रुद्रपुर में बनाई जायेगी। इसके बनने से किसान खेती संबंधी टेस्ट जैसे मिट्टी की जांच, फसलों की किफायत आदि की जांच एवं सही रिपोर्ट प्राप्त कर सकेंगे। इसके चलते किसानों को समय से सही जानकारी मिल सकेगी जिससे उनकी खेती की लागत में कमी आयेगी।

प्राॅजेक्ट के तीसरे हिस्से में हर ग्राम सभा में डिजिटल सेवा केंद्र “एग्री कैफै” खोले जायेंगे इनके ज़रिये किसान अपनी तमाम कृषि संबंधित समस्याओं का समाधान अपने ही गांव में प्राप्त कर सकेंगे। कैफे में खेती संबंधी तमाम जानकारियां किसानों को दी जायेंगी। प्राॅजेक्ट के बारे में बताते हुए प्राॅजेक्ट हेड डाॅ उपमा डोभाल ध्यानी ने बताया कि

  • प्राॅजेक्ट के पहले चरण का काम यानि कृषि वेबसाइट लगभग पूरी हो चुकी है।
  • फरवरी महीने में सभी ग्राम सभाओं में एग्री कैफे़ खोल दिये जायेंगे।
  • इनके संचालन के लिये एग्रीक्लचर ग्रेजुएट भी रखें जायेंगे। मार्च तक ये भाग भी पूरी तरह से काम करने लगेंगे
  • जून तक आ२नलाइन सेल का काम भी शुरू हो जायेगा।

इस प्राॅजेक्ट से किसानों को जोड़ने के लिये कंपनी लगातार राज्य की तमाम ग्राम पंचायतों से संपर्क में है और उनसे उनकी परेशानियों के साथ साथ सुझाव लिये जा रहे हैं ताकी ये पूरा प्राॅजेक्ट ज्यादा से ज्यादा किसानों को फायदा पहुंचा सके।