बच्चों को उन्हीं की भाषा में समझाने के लिये बनी हैं ये फिल्में

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सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाये जाने के लिये साथ ही साथ जागरुकता के दृष्टिगत यातायात निदेशालय उत्तराखण्ड पुलिस ने बच्चों को बच्चों की भाषा में समझाने के लिये 2D/3D पिक्चरें तैयार करवायी है। 2 से 3 मिनट की ये  3D पिक्चरें बच्चों को यातायात नियमों के पालन करने पर उनके सुरक्षित जीवन के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से तैयार की गयी है।

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इनमें से एक पिक्चरें में 18 वर्ष से कम आयु का एक कुशाग्र बुद्धि का बच्चा है प्रौद्योगिकी संस्थान प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा होता है। परीक्षा के बाद एक दिन उसके पिताजी द्वारा उसे मोटर साईकिल दी गयी जिसे वह अपने 2 दोस्तो के साथ रैश ड्राईविंग करते हुये हुड़दंग मचाते हुये बिना हेलमेट के चलाता है, इसी बीच उस युवक का एक्सीडेंट हो जाता है। हेलमेट न पहनने के कारण उसकी मृत्यु हो जाती है। मृत्यु होने के अगले दिन ही उसकी आय.आय.टी में चयन होने का परिणाम भी आ जाता है। एक ऐसा युवक जिसका उज्जवल भविष्य रहता है लेकिन बिना हेलमेटतीन सवार एवं रैश ड्राईविंग के कारण असामयिक मृत्यु का शिकार हो जाता है जिससे उसका परिवार बिखर जाता है।

दूसरी  फिलम  में एक यातायात पुलिसकर्मी को किन परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी करनी पडती हैदर्शाया गया है। बच्चों में जागरुकता के उद्देश्य से तैयार की गयी मूवी को शिक्षा विभाग से सम्पर्क कर सभी स्कूल को प्रेषित किया जायेगा ताकि वे यातायात नियमों के प्रति स्वयं भी जागरुक हो तथा अपने माता-पिता एवं रिश्तेदारो को भी जागरुक करे, यह सत्य है कि यदि बच्चों को सही तरीके से सिखाई  गयी बात का प्रभाव जीवन भर रहता है।

निदेशक,यातायात ने बताया कि ऐसी 10 अलग-अलग विषयों पर यातायात जागरुकता से सम्बन्धित फिलम बनायी जायेगी, जिनहे यातायात निदेशालय की www.uttarakhandtraffic.com पर भी अपलोड किया जा रहा है।