उत्तराखण्ड सरकार और भारतीय सेना के मध्य श्रीनगर गढ़वाल स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली मेडिकल काॅलेज को सेना द्वारा संचालित करने के विषय पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। यह निर्णय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और भारत के थलसेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के मध्य हुई मुलाकात में लिया गया। इसके साथ ही उत्तराखण्ड में डाॅक्टरों की कमी को देखते हुए सेना से रिटायर होने वाले स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डाॅक्टरों को राजकीय चिकित्सा सेवा में लिये जाने पर भी सहमति बनी। इस विषय में शीघ्र ही राज्य सरकार द्वारा एक औपचारिक प्रस्ताव सेना को भेजा जायेगा।
उल्लेखनीय है कि सेना में कार्यरत स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डाॅक्टर 60 वर्ष की आयु में रिटायर हो जाते है, जिनके शारीरिक रूप से फिट होने की स्थिति में राज्य सरकार द्वारा उनकी सेवाएं ली जा सकती है। सेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के मध्य सीमान्त क्षेत्रों में बार्डर एरिया विकास कार्यक्रमों पर भी विस्तृत विचार विमर्श हुआ। श्रीनगर मेडिकल काॅलेज पर विस्तृत विचार-विमर्श के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल काॅलेज में उत्तराखण्ड के छात्रों के हितों का पूरा ध्यान रखने के साथ ही लोगों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो इसको सुनिश्चित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के युवाओं की पहली पसंद सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना रहा है। उन्होंने थल सेना अध्यक्ष को उनके द्वारा जम्मू-कश्मीर सहित देश की सीमाओं पर सेना द्वारा प्रदर्शित किये जा रहे अदम्य शौर्य एवं साहस के लिए बधाई दी और देश की सीमा पर तैनात जवानों को शुभकामनाएं भी दी।