बीते काफी वक्त से स्थाई कुलपति न होने का दंश झेल रहे उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय को जल्द ही स्थाई कुलपति मिलने वाला है। कुलपति चयन समिति का गठन करते हुए नए कुलपति के लिए आवेदन भी मांगे गए हैं। कुलपति पद के लिए इच्छुक अभ्यर्थी सात अक्टूबर तक आवेदन कर सकेंगे।
उत्तराखंड आयुर्वेद विवि बीते काफी वक्त से कई मामलों को लेकर चर्चाओं में रहा है। कभी पदों की विज्ञप्तियों में खामियों को लेकर तो कभी पेपर लीक मामला। इसके अलावा कई अन्य अनियमितताओं को लेकर हंगामें प्रदर्शन भी विवि झेल चुका है। इन सब के पीछे के कारणों पर गौर करें तो यहां स्थाई कर्मचारियों के अभाव में विवि की कार्यप्रणाली पर कई बार सवाल उठ चुके हैं। लेकिन अब इन सबपर अंकुश लगाने के लिए विवि में स्थाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसी क्रम में अब विवि कुलपति चयन समिति ने रिक्त पड़े विवि कुलपति के पद के लिए भी आवेदन स्वीकार किए हैं।
अभी तक कुलसचिव देख रहे थे कार्यभार
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति प्रो. एसपी मिश्रा को हटाने के बाद पद की जिम्मेदारी है एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. सौदान सिंह को सौंपी गई थी। लेकिन, उनका कार्यकाल यहां पूरा हो गया था। जिसके बाद शासन ने उनका कार्यकाल आगे बढ़ाने के बजाय विश्वविद्यालय में बतौर कुलसचिव कार्य देख रहे डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी को कुलपति का कार्यभार सौंप दिया गया। तब से अभी तक वे बतौर प्रभारी कुलपति विवि की बागडौर संभाले हुए हैं।
विवि की कुलपति चयन समिति-2017 के सदस्य रजिस्ट्रार प्रो. अनूप गक्खड ने बताया कि विवि कुलपति के लिए आवेदन मांगे गए हैं। आवेदकों को अपने आवेदन कुलपति चयन समिति-2017 के नाम विवि को भेजने होंगे। इसके अलावा कई अन्य मानकों को भी पूरा करना होगा। उन्होंने बताया कि आवेदन के लिए आवेदन के पास बतौर प्रोफेसर न्यूनतम 10 वर्ष का शिक्षण अनुभव होना अनिवार्य है। इसके अलावा मौजूदा तैनाती स्थल अथवा विभाग से एनओसी भी प्राप्त कर विवि को भेजनी होगी। रिसर्च के क्षेत्र में कार्य, रिसर्च पेपर व शोध आदि उल्लेखनीय योगदान दिया होना चाहिए। इसके साथ ही अभ्यर्थी पर आपराधिक मामले दर्ज न हों, इसके लिए एक प्रमाण पत्र भी विवि में प्रस्तुत करना होगा। सभी दस्तावेज सेल्फ अटेस्टेड कर विवि को आवेदन के साथ भेजने होंगे। उन्होंने बताया कि आवेदक 7 अक्टूबर तक आवेदन कर सकते हैं।