बद्रीनाथ हाईवे सोमवार को फिर बाधित हो गया। पहाड़ी से गिरते बोल्डरों और भूस्खलन से यह हाईवे सुबह छह बजे के आसपास बंद हो गया। हालांकि मार्ग को खोलने के प्रयास किये जा रहें हैं। मशीनें और मजदूर मार्ग खोलने में जुटे हैं। मगर यहां पर इतनी मिट्टी और बोल्डर आये है कि उन्हें हटाने में परेशानी आ रही है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि एनएच मार्ग खोलने में लगा है। बद्रीनाथ हाईवे पर लामबगड़ ऐसा भूस्खलन जोन बन गया हैं, जो वर्षों से यात्रा की रफ्तार पर रोक लगा देता है। इससे पहले भी मार्ग के रख-रखाव का जिम्मा बीआरओ के पास था, जो दो वर्ष पूर्व इसे एनएच को सौंपा गया। लगभग 500 मीटर से अधिक दूरी वाले अत्यंत संवेदनशील लामबगड़ के भूस्खलन के रोकने या इसके ट्रीटमेंट के लिए बीआरओ ने भी करोड़ों रुपये खर्च किए मगर हालत न सुधरी।
वहीं भूस्खलन इतना जबरदस्त यहां पर होता है कि दो बार सड़क ही गायब हो गई थी। नयी सड़क बनानी पड़ी। जब इस भूस्खलन का कोई ट्रीटमेंट न हुआ तो एनएच को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई। एनएच ने जापान की मेकाफेरी कंपनी को 96 करोड़ की लागत से इसके ट्रीटमेंट का जिम्मा सौंपा है। नदी तट से सुरक्षा वाॅल भी बनायी जा रही है। मगर सड़क के उपरी पहाड़ी से हो रहा भूस्खलन हर बार इसे तहस-नहस कर देता है।
जिलाधिकारी आशीष जोशी ने इस स्थान पर जाकर दिशा निर्देश दिए मगर अभी तक ट्रीटमेंट की निर्माण शैली में कोई ऐसी गति नहीं दिख रही है, कि बंधे की कोई स्थायी व्यवस्था यहां पर हो पाएगी।