आस्था की यात्रा 2017 की चार धाम यात्रा के बद्नारीनाथ भगवान के कपाट खुलने की तिथि घोषित,राजमहल से बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की घोषणा 6 मई ,सुबह 4 :15 मिनट ब्रह्म मुहर्त पर खुलेगे भगवान के द्वार।
उत्तराखण्ड में बसंत अपने साथ कई उम्मीदों को लेकर आता है जिसमें सबसे बड़ी उम्मीद चार धाम यात्रा का प्रमुख स्थान श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा का दिन भी है। ये परम्परा प्राचीन काल से उत्तराखण्ड में चली आ रही है जिसे गढ़वाल का राजवंश बड़ी सिद्धत के साथ निभाता है इसलिए बसंत पंचमी का दिन नरेंद्र नगर राजमहल के लिये खासा महत्वपूर्ण होता है ,इसी दिन भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलने की तिथि तय की जाती है ,राज परिवार का मुखिया विधिवत पूजा अर्चना के साथ कपाट खुलने की तिथि घोषणा करता है ओर राजपुरोहित पंचांग और महाराजा की जन्मपत्री देख कर बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने का शुभ मुहर्त निकालता है।साथ ही गाडू घडी की तिथि की भी घोषणा आज के ही दिन की जाती है ,टिहरी राजवंश ने नरेंद्र नगर महल से आज बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की विधिवत घोषणा की 6 मई ,सुबह 4 :15 मिनट ब्रह्म मुहर्त पर खुलेगे भगवान के द्वार।
द्वार आम श्रधालुओ के लिएः
टिहरी राजमहल में 2017 की चारधाम यात्रा कि तैयारिया शुरू हो गयी है उत्तराखंड के चारधामो में एक प्रमुख धाम भगवान विष्णु के वास बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि की घोषणा, ब्रह्म मुहर्त पर 4 बज के 15 मिनट को खुलेंगे।टिहरी राजवंश बसंत पचमी के दिन विधिवत पूजा-अर्चना के साथ तिथि की घोषणा करता है ,ये परम्परा उत्तराखंड में शुरु से चली आ रही है ,टिहरी के राजा को बोलंदा बद्री की उपाधि से नवाजा गया था।सदिओं से राजपरिवार इस परंपरा को निभाता आ रहा है सुबह से ही राजमहल में बद्रीनाथ केदारनाथ समिति और डिमर गाँव से आये पुजारी गाडू गाड़ी लेकर आते है इस बार भगवान के द्वार आम भक्तो के लिए खोल दिए जायेंगे।टिहरी राजवंश महाराजा मनुजेंद्र शाह ने कहा है कि राज्य परिवार देश -विदेश के सभी श्रद्धालुओ को भगवान बद्री विशाल के दर्शनों के लिए आमन्त्रित करता है।
सुबह से ही नरेंद्र नगर राजमहल में दूर-दूर से आये भक्तो में तिथि खुलने के लिए उत्साह देखने लायक होता है , बद्री-केदार मंदिर समिति को भी इस बार 2017 की चार धाम यात्रा से बड़ी उम्मीद है, जिसके लिए बी.केटी.सी ने पूरी तैयारी कर ली है। बद्रीनाथ के साथ साथ केदारनाथ में भी 1500 लोगो के लिए रहने खाने की सुविधाओ पर जोर दिया गया है जिस से तीर्थ यात्रियों को सुविधा मिल सके।
चार धाम यात्रा का आगाज नरेन्द्र नगर राजमहल से हो चूका है , सभी तीर्थ पुरोहित अब चार धाम यात्रा की तैयारी में जुट जायेगे और भगवान् अपने भक्तो को शीतकाल के बाद दर्शन देने लगेगे ,यही परंपरा और आस्था के संगम का समावेश है जिसकी घोषणा नरेंद्र नगर राजमहल से बसंत पंचमी के दिन हो गयी है।