जम्मू-कश्मीर स्थित बूढ़ा अमरनाथ यात्रा के लिए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की यात्रा तीर्थनगरी हरिद्वार से रवाना हुई। जिसमें बहुत से हिन्दू बाबा बूढ़ा अमरनाथ के लिए रवाना हुए। हरिद्वार स्टेशन से प्रारंभ हुई इस यात्रा को जिला पंचायत सदस्य देवेन्द्र प्रधान ने भगवा ध्वज दिखाकर रवाना किया। इस दौरान अनेक गणमान्य नागरिक भी मौजूद रहे।
यात्रा के रवाना होने से पूर्व बजरंग दल के जिला प्रभारी अनुज वालिया ने बताया कि देश की एकता व अखण्डता को कायम रखने व आतंकवादियों को कड़ा जवाब देने के लिए प्रतिवर्ष इस यात्रा का आयोजन किया जाता है। बताया कि यात्रा धार्मिकता के साथ-साथ यह राष्ट्रीय सुरक्षा की यात्रा है। जब कश्मीर में हिंदू पलायन शुरू हुआ 19 जनवरी 1990 मे सारे कश्मीरी पंडितों के घर के दरवाजों पर नोट लगा दिया गया था, जिसमें लिखा था या तो मुस्लिम बन जाओ या कश्मीर छोड़ कर भाग जाओ या फिर मरने के लिए तैयार हो जाओ। उसके बाद सारे कश्मीरी मुस्लिम सड़कों पर उतर आये। उन्होंने कश्मीरी पंडितों के घरों को जला दिया, कश्मीर पंडित महिलाओं का बलात्कार कर उनकी हत्या करके पेड़ पर लटका दिया गया। कुछ महिलाओं को जिंदा जला दिया। करीब साढ़े तीन लाख कश्मीरी पंडित अपनी जान बचाकर कश्मीर से भाग गए थे। इस घटना के कुछ समय बाद पुंछ सेक्टर में भी हिंदू घरों पर पर्चे चिपका दिए गए जिसकी जानकारी बजरंग दल को मिली। बजरंग दल ने उनकी रक्षा के लिए संघर्ष किया और यह यात्रा शुरू की इसी यात्रा का परिणाम रहा है की पुंछ सेक्टर में आज भी हिंदू स्थापित हैं।
अनुज वालिया ने कहा कि कश्मीर में हिंदूओं को स्थापित रखने के लिए यह यात्रा हर वर्ष की जाती है। बजरंगी अपने प्राणों की परवाह न करते हुए इस यात्रा पर भारी संख्या में जाते हैं। आतंकवादियों की मिलती लगातार चेतावनी बजरंगियों के हौसले बुलंद करती है। यह उन लोगों के लिए सबक है जो पड़ोस में हो रही लड़ाई के बीच में भी जाना नहीं चाहते। बजरंग दल का कार्यकर्ता आतंकवादी घटना और धमकियों के बावजूद भी सिर पर कफन बांधकर राष्ट्र सुरक्षा, कश्मीर सुरक्षा, धर्म सुरक्षा के लिए इतनी कठिन यात्रा करता है। जिसके लिए हमें बजरंगी होने पर गर्व है।